न्यूज डेस्क: गरीबी कभी भी सफलता के लिए बाधा नहीं होती हैं। इंसान अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता हैं। आज आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिनके पिता दर्जी का काम करते थे और उनका बेटा एक दिन आईएएस अफसर बनता हैं।
नीरीश राजपूत।
आपको बता दें की नीरीश राजपूत मध्य प्रदेश के भिंड जिले का एक गरीब युवा हैं। उनके पिता दर्जी का काम करते हैं। लेकिन उन्होंने गरीबी को कभी अपने जीवन पर हावी नहीं होने दिया और नीरीश राजपूत एक दिन आईएएस बने।
नीरीश राजपूत बताते हैं की उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के पिछले तीन प्रयासों में विफलता हाथ लगी। लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में वे 370वीं रैंक के साथ पास हुए। वे गोहाड तहसील के मऊ गांव में 300 वर्ग फीट के घर में रहते थे।
सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अखबार डालने जैसे कई प्रकार के काम भी किए। ताकि उनकी आर्थिक स्थिति खराब ना हो। वे सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते थे। फिर ग्वालियर के औसत दर्जे के कॉलेज से पढ़े थे। उनके दो बड़े भाई जो अनुबंध शिक्षक हैं, नीरीश के सपने को साकार करने के लिए अपनी अधिकांश जमापूंजी, ऊर्जा और हिम्मत नीरीश को सौंप दी और नीरीश ने आईएएस बनकर सपनो को पूरा किया।
0 comments:
Post a Comment