खबर के अनुसार इन पर फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके बाद एक्शन लेते हुए विकास परिषद ने इन्हे नौकरी से निकाल दिया हैं। सचिव आवास डॉ. नीरज शुक्ला ने मंगलवार को इस संदर्भ में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
बता दें की इन अधिकारियों को वर्ष 2019 से 2021 के बीच में रिटायर होने के बाद संविदा पर बहाल किया गया हैं। इन्हे अच्छी सैलरी भी दी जा रही थी। अधिकारियों, इंजीनियरों तथा लेखा विभाग के अफसरों को अच्छे पद पर तैनाती दी गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार सीएम कार्यालय को यहां के कुछ अधिकारियों के बारे में शिकायतें मिली थीं। कुछ अधिकारी पर फर्जीवाड़े व भ्रष्टाचार में आरोप भी लगें थें। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने इन्हे नौकरी से हटा दिया हैं। अचानक सेवाएं समाप्त होने से ये सभी अधिकारी सकते में पड़ गए।
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