1 .डायबिटीज (Diabetes):
रक्त शर्करा परीक्षण (Blood Glucose Test): खाली पेट और खाने के बाद की शर्करा स्तर की जांच की जाती हैं। इससे डायबिटीज का पता लगाया जाता हैं।
2 .हृदय रोग (Heart Disease):
लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile): इस टेस्ट की मदद से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच की जाती हैं।
इकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography): इस टेस्ट के माध्यम से हृदय की संरचना और कार्यप्रणाली की जांच होती हैं।
3 .किडनी की समस्याएं (Kidney Issues):
मूत्र परीक्षण (Urine Test): इस टेस्ट की मदद से गुर्दे की कार्यप्रणाली का आकलन किया जाता हैं।
क्रिएटिनिन और यूरेआ टेस्ट (Creatinine and Urea Tests): रक्त में इन तत्वों की मात्रा की जांच की जाती हैं।
4 .थायरॉइड विकार (Thyroid Disorders):
TSH, T3, और T4 टेस्ट: इसके माध्यम से थायरॉइड हार्मोन स्तर की जांच की जाती हैं। इससे थायराइड बीमारी का पता लगाया जाता हैं।
5 .फेफड़ों की समस्याएं (Lung Issues):
स्पिरोमेट्री (Spirometry): इस टेस्ट के माध्यम से फेफड़ों की कार्यप्रणाली की जांच की जाती हैं। इससे फेफड़े की समस्या का पता लगाया जाता हैं।
6 .लीवर की समस्याएं (Liver Issues):
लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Tests): इस टेस्ट के द्वारा लीवर की कार्यप्रणाली की जांच होती हैं। इससे लिवर की समस्या का पता लगाया जाता हैं।
7 .कैंसर (Cancer):
बायोप्सी (Biopsy): इस टेस्ट की मदद से संदिग्ध ऊतकों की जांच होती हैं।
CT या MRI स्कैन: इसके माध्यम से आंतरिक अंगों की विस्तृत इमेजिंग की जाती हैं। जिससे कैंसर का पता जलाया जाता हैं।
0 comments:
Post a Comment