खबर के अनुसार इस प्रक्रिया के तहत माफिया और अपराधियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्तियां पुलिस जब्त करेंगी, और फिर अदालत के आदेश पर इन संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा। कुर्की से मिलने वाली आय को अपराध से प्रभावित लोगों में वितरित किया जाएगा।
बता दें की संबंधित जिलों के डीएम को दो महीने के भीतर जब्त संपत्तियों की नीलामी करने का निर्देश दिया गया है, और उससे प्राप्त आय को पीड़ितों में बांटा जाएगा। इस निर्देश के तहत अब पुलिस को गैंगस्टर ऐक्ट या प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के बिना भी काली कमाई को जब्त या कुर्क करने का अधिकार मिलेगा।
दरअसल भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 107 के तहत विवेचक को अपराध से जुड़ी संपत्ति के अधिग्रहण और कुर्की का अधिकार मिल गया है। इस पहल से राज्य में अपराधियों द्वारा अर्जित संपत्तियों का उपयोग पीड़ितों के लाभ के लिए किया जाएगा, और इससे अपराधियों को अपने अवैध संपत्ति अर्जन को लेकर एक कठोर संदेश भी मिलेगा।
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