राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और राज्य सरकार को लगातार इस संबंध में शिकायतें मिल रही थीं कि राजस्व कर्मचारी अपनी रिपोर्ट समय पर नहीं देते, जिससे अंचल कार्यालयों में कामकाज में देरी हो रही थी। विशेष रूप से दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस जैसे मामलों में यह समस्या अधिक थी। इन मामलों में देरी के कारण भूमि संबंधित विवादों का समाधान समय पर नहीं हो पा रहा था, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
समीक्षा में यह भी सामने आया कि राज्य के कई अंचलों में दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस के मामले तय समय सीमा से अधिक समय तक लटके हुए थे। इसे लेकर नवंबर 2024 में अंचल कार्यालयों के कामकाज की गहन समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि इन मामलों में देरी हो रही है। इसके बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब से इन मामलों को सात दिनों के भीतर निपटाया जाएगा और अगर राजस्व कर्मचारी समय पर रिपोर्ट नहीं देते, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा में यह भी तय किया गया कि अब से राजस्व संबंधी सभी कामकाज के लिए अंक निर्धारित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत हर अंचल और जिले के समाहर्ता को निर्देश दिया गया है कि वे राजस्व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि रिपोर्ट समय पर प्राप्त हो। समाहर्ता की जिम्मेदारी होगी कि वह जिले के राजस्व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नजर रखें और तय समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्राप्त करें।
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