इस आर्थिक क्षेत्र में कुल सात जिलों को शामिल करने की योजना है। इसमें चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी जिले शामिल होंगे। इन जिलों का कुल दायरा 22,393 वर्ग किलोमीटर होगा। इस क्षेत्र को औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और अवसंरचना सुधार के क्षेत्र में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस पहल से पूर्वांचल में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी, और यहां के निवासियों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
शुक्रवार को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने ग्रोथ हब कार्यक्रम के तहत मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने इस क्षेत्र को धार्मिक, आध्यात्मिक नगरी के साथ ही योग, स्वास्थ्य और वेलनेस सिटी के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। ताकि वैश्विक स्तर पर यह क्षेत्र एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन सके।
बता दें की वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र को बनाने का उद्देश्य न केवल पूर्वांचल के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की समग्र अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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