वर्तमान में, यह प्रक्रिया मैनुअल रूप से की जाती है, जिससे कर्मचारियों को अपनी रिपोर्ट जमा करने, समीक्षा करने और अनुमोदन प्राप्त करने में लंबा समय लगता है। इस लंबी प्रक्रिया की वजह से समय पर पदोन्नति प्राप्त करने में भी बाधाएं उत्पन्न होती हैं। अब इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया गया है, जिससे इस काम को तेजी से और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
इस पहल के तहत, अब तक समूह 'क' और समूह 'ख' के 52,000 अधिकारियों के लिए 2024 में ही एसीआर की ऑनलाइन प्रक्रिया लागू कर दी गई थी। अब, वर्ष 2025 से समूह 'ग' और 'घ' के सभी राज्य कर्मियों के लिए भी यह प्रक्रिया ऑनलाइन करने की तैयारी की गई है। यह कदम 8.45 लाख राज्य कर्मियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। मुख्य सचिव की ओर से शीघ्र ही इस दिशा में आदेश जारी किए जाएंगे, जो सभी विभागों के लिए लागू होंगे।
ऑनलाइन एसीआर प्रक्रिया के लाभ
ऑनलाइन एसीआर प्रक्रिया के लागू होने से कई फायदे होंगे। सबसे पहला लाभ यह है कि कर्मियों को अपनी स्व-मूल्यांकन आख्या निर्धारित समय सीमा के भीतर मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। यह स्व-मूल्यांकन 30 जून तक पूरा करना होगा। इसके बाद, प्रतिवेदक, समीक्षक और स्वीकर्ता प्राधिकारी को क्रमशः 31 अगस्त, 31 अक्टूबर और 31 दिसंबर तक अपने मंतव्य ऑनलाइन दर्ज करने होंगे। इस प्रक्रिया के खत्म होने के बाद, वार्षिक प्रविष्टियां 31 दिसंबर तक पूरी की जाएंगी। इससे कर्मियों को उनके प्रदर्शन पर त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी और उच्च अधिकारी भी तेजी से निर्णय ले सकेंगे।
समय पर पदोन्नति में मदद
मैनुअल एसीआर प्रक्रिया के कारण होने वाली देरी, कर्मियों के लिए समय पर पदोन्नति प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करती थी। कई बार जरूरी दस्तावेज़ों की समीक्षा और अनुमोदन में देर हो जाती थी, जिससे कर्मियों की पदोन्नति में देरी होती थी। अब ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए यह समस्या हल होगी, क्योंकि सभी आवश्यक कार्य समय पर किए जा सकेंगे। ऑनलाइन प्रणाली में मैनुअल प्रक्रियाओं की तुलना में कम समय लगेगा और सभी कर्मियों को उनका हक समय पर मिलेगा।
0 comments:
Post a Comment