दरअसल बिहार राज्य में सरकारी स्कूलों में कार्यरत कुल पांच लाख से अधिक शिक्षक हैं, और इनमें से कई शिक्षक ऐसे हैं जिनका नाम पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है। आपको बता दें कि बिहार सरकार ने यह नियम लागू किया है कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षक को कम से कम साल में एक बार प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।
यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार हो और वे नई-नई शिक्षण विधियों से अपडेट रहें। बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर मार्च तक इन 97 हजार शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और इन शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, शिक्षक वेतन वृद्धि के लाभ से भी वंचित हो सकते हैं। डीईओ को यह निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी शिक्षकों के प्रोफाइल पोर्टल पर अपडेट हों, ताकि जो शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, उनका नाम पोर्टल से हटा दिया जाए। इसके साथ ही जिन शिक्षकों का नाम पोर्टल पर नहीं है, उन्हें शीघ्र प्रशिक्षण संस्थान से टैग कर प्रशिक्षण दिलवाने की व्यवस्था की जाए।
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