यूपी में 'खतौनी' की तरह लोगों को मिलेगा 'घरौनी'

कानपुर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना के तहत अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक दिखाने वाला दस्तावेज 'घरौनी' मिलेगा। यह खतौनी की तरह ही घरों के लिए एक कानूनी दस्तावेज होगा, जो ग्रामीणों के लिए कई फायदे लेकर आएगा। यह दस्तावेज न केवल घरों के मालिकाना हक को प्रमाणित करेगा, बल्कि इससे बैंक से कर्ज लेने और ग्राम पंचायतों के लिए कर निर्धारण जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में भी सहूलियत मिलेगी।

घरौनी योजना का लाभ

योगी सरकार की इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब अपने घरों के मालिकाना हक का कानूनी प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे। पहले गांवों में घरों के मालिकाना हक का कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं था, जिससे विभिन्न विवादों का समाधान करना मुश्किल हो जाता था। अब 'घरौनी' के रूप में यह दस्तावेज उपलब्ध होने से इन विवादों का समाधान शीघ्रता से किया जा सकेगा। साथ ही, यह दस्तावेज बैंक से कर्ज प्राप्त करने में भी सहायक साबित होगा, क्योंकि इसके जरिए घरों की वैधता को प्रमाणित किया जा सकेगा।

ड्रोन सर्वे से हुई घरों की पहचान

इस योजना को लागू करने के लिए गांवों में ड्रोन सर्वे कराया गया था, जिसके माध्यम से प्रत्येक घर की पहचान की गई और उसका मालिकाना हक तैयार किया गया। ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से इस प्रक्रिया को तेजी से और सटीकता से पूरा किया गया। इसके बाद, स्वामित्व योजना के तहत घरों के मालिकों का दस्तावेज तैयार किया गया, जिसे 'घरौनी' के रूप में जारी किया जा रहा है।

18 जनवरी को होगा घरौनी वितरण

कानपुर जिले की सभी तहसीलों में 50 हजार 467 लाभार्थियों के घरौनी दस्तावेज तैयार हो चुके हैं। इन घरौनी दस्तावेजों का वितरण 18 जनवरी को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के सभागार में किया जाएगा। यह वितरण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना की सफलता का प्रतीक बनेगा।

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