इस तरह, एक ही दिन में कुल 84 सर्वे कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी या आगे की प्रक्रिया के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया। यह घटना बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के कामकाज और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
बता दें की दरभंगा जिले के बंदोबस्त कार्यालय में कार्यरत 10 भूमि सर्वेक्षण कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी। इन कर्मचारियों में अमीन और कानूनगो शामिल हैं। इन कर्मचारियों के इस्तीफे की स्वीकृति बंदोबस्त पदाधिकारी दरभंगा की अनुशंसा पर दी गई, और भू अभिलेख एवं परिमाण निदेशालय द्वारा यह निर्णय लिया गया।
वहीं, बांका और समस्तीपुर जिलों के सर्वेक्षण कर्मियों को भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। बांका जिले के 47 सर्वेक्षण कर्मियों, जिनमें कानूनगो और अमीन शामिल हैं, ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कनीय अभियंता के पद पर चयनित होने के बाद काउंसलिंग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की थी।
इसी तरह, समस्तीपुर जिले के 27 विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को भी तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कनीय अभियंता के पद पर चयनित होने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों का इस्तीफा और अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया से यह स्पष्ट हो रहा है कि बिहार के भूमि सर्वेक्षण विभाग में कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। नौकरी छोड़ने के इस घटनाक्रम से विभाग की कार्यशैली और कर्मचारियों की संतुष्टि पर सवाल उठने लगे हैं।
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