भारत की अर्थव्यवस्था चीन से आगे बढ़ रही: रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि दिखाई है और अब यह चीन से भी तेज़ रफ्तार से बढ़ रही है। यह स्थिति खासतौर पर 2022-23 के वित्तीय वर्ष में स्पष्ट रूप से दिखी, जब भारत की जीडीपी विकास दर 7.2% रही, जबकि चीन की विकास दर धीमी रही। आर्थिक दृष्टि से, भारत का प्रदर्शन न केवल एशियाई देशों के बीच बेहतर है, बल्कि यह दुनिया के प्रमुख आर्थिक शक्तियों के मुकाबले भी उल्लेखनीय है।

भारत की जीडीपी वृद्धि दर

भारत की आर्थिक वृद्धि दर लगातार अच्छी रही है और यह चीन से भी आगे निकलने की दिशा में है। वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी 7.2% बढ़ी, जबकि चीन की वृद्धि दर अपेक्षाकृत धीमी रही। चीन की विकास दर 2022 में केवल 3.0% रही, जो भारत की तुलना में काफी कम है।

वर्ष 2024 से लेकर 2028 तक, भारत की वृद्धि दर चीन से रहेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर आने वाले वर्षों में स्थिर और तेज़ बनी रह सकती है। इस दौरान, भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.3% रहने की संभावना जताई जा रही है, जबकि चीन की जीडीपी वृद्धि केवल 4.2% तक रह सकती है।

भारत की वृद्धि दर का वैश्विक परिपेक्ष्य

भारत की आर्थिक वृद्धि दर न केवल चीन से बेहतर है, बल्कि यह अन्य प्रमुख देशों से भी अधिक है। अमेरिका, जापान, और यूनाइटेड किंगडम जैसे बड़े देशों की तुलना में भारत की वृद्धि दर अधिक तेज़ है। उदाहरण के लिए, अमेरिका की सालाना जीडीपी वृद्धि दर केवल 2.1% के आस-पास है, जबकि जापान और यूके की विकास दर भी बहुत धीमी है।

भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर कई विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी से बढ़ती प्रगति के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि युवा श्रम शक्ति, डिजिटल परिवर्तन, और सरकार की सुधारात्मक नीतियाँ।

चीन की धीमी विकास दर

चीन की आर्थिक वृद्धि दर पिछले कुछ वर्षों में धीमी पड़ी है। 2022 में चीन की वृद्धि दर 3.0% रही, जो इसके पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें कोरोना महामारी के प्रभाव, वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में बाधाएँ, और अंतर्विरोधी आर्थिक नीतियाँ शामिल हैं। वहीं, चीन की जनसंख्या वृद्धिवृद्धि और श्रम शक्ति की कमी भी इसके विकास को प्रभावित कर रही है।

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