राज्य सरकार के इस फैसले के मुताबिक, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि अधिग्रहण की दरें पहले की तुलना में अधिक होंगी, और रैयतों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यह मुआवजा किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए ठीक से मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे रैयतों को उनकी भूमि के असल मूल्य के अनुसार उचित मुआवजा मिल सके।
इसके तहत, बिहार के विभिन्न जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य सरकार ने कुछ खास जिलों में भूमि अधिग्रहण के लिए योजना बनाई है। इन जिलों में भूमि अधिग्रहण के लिए प्रमुख स्थानों में वैशाली, सीतामढ़ी और चनपटिया शामिल हैं।
इन जिलों में भूमि के अधिग्रहण के बाद, भूमि को विकसित किया जाएगा और इसके बाद उसकी नई दर तय की जाएगी, जिससे औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त जमीन उपलब्ध हो सके। यह कदम उद्यमियों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि भूमि विभिन्न दरों पर उपलब्ध होगी, जो उनके निवेश की योजना को प्रोत्साहित करेगी। इस निर्णय से राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे।
1 .वैशाली में 1243.45 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
2 .सीतामढ़ी में 504.52 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जाएगी।
3 .चनपटिया में 29.30 एकड़ भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है।
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