खबर के अनुसार यदि जांच के दौरान इसमें से कोई कमी पाई जाती है और संबंधित पेट्रोल पंप संचालक 15 दिनों के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उनके लाइसेंस को निलंबित किया जा सकता है और आवंटन भी रद्द किया जा सकता है।
बता दें की राज्य के परिवहन विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग की ओर से कहा गया है कि पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलनी चाहिए और सभी सुविधाएं मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। इसके लिए इस सप्ताह से राज्य भर में विशेष जांच अभियान शुरू किया जाएगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य पेट्रोल पंपों पर सुविधाओं की कमी और उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी को दूर करना है। सरकार का कहना है कि प्रत्येक पेट्रोल पंप पर स्वच्छता और उपभोक्ता सुविधाओं के उच्च मानकों को सुनिश्चित किया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पेट्रोल पंपों की नियमित जांच और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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