बिहार में जमीन अधिग्रहण को लेकर नई गाइडलाइन

पटना: बिहार में केंद्र या राज्य सरकार की नई योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ी समस्याएं अब समाप्त हो जाएंगी। राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन से जमीन मालिकों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। वहीं, इस दिशा में उठाया गया कदम अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने में सहायक होगा।

बिहार में जमीन अधिग्रहण को लेकर नई गाइडलाइन

1 .नई गाइडलाइन से राहत: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में जमीन मालिकों को राहत मिलेगी। इसके तहत भूमि अधिग्रहण में आसानी होगी और संबंधित विभाग को भी कार्य में मदद मिलेगी।

2 .पुराने खतियान पर मुआवजा नहीं: पुराने खतियान के आधार पर मुआवजा देने की प्रक्रिया को उचित नहीं माना गया है। इससे भूमि अधिग्रहण में अक्सर समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। अब तीन वर्षों के भीतर जमीन का वर्गीकरण अपडेट किया जाएगा।

3 .जमीन का प्राकृतिक निर्धारण: अधिग्रहण से पहले निबंधन विभाग द्वारा जमीन की प्रकृति का निर्धारण किया जाएगा, ताकि मूल्य निर्धारण में कोई विवाद न हो। पहले जिस जमीन की प्रकृति कुछ और थी, अब वह बदल सकती है, इसे ध्यान में रखा जाएगा।

4 .फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी: जमीन अधिग्रहण के समय फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जाएगी, ताकि यह साबित हो सके कि जमीन की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह खर्च अधिग्रहण करने वाले विभाग से लिया जाएगा।

5 .दुरुस्त रिकॉर्ड: अधिग्रहण के बाद जमीन का रिकॉर्ड दो महीने के भीतर दुरुस्त किया जाएगा। इससे भविष्य में किसी प्रकार का विवाद नहीं होगा।

6 .अधिकारियों को पुनरीक्षित अधिकार: जिलाधिकारी को भूमि अर्जन की कार्रवाई के लिए जमीन के मूल्य निर्धारण का अधिकार दिया गया है, जिससे बाजार मूल्य को अद्यतन किया जाएगा।

7 .भूदान यज्ञ समिति का स्वामित्व: अब अवितरित भूदान की जमीन का स्वामित्व राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के नाम पर दर्ज होगा, क्योंकि भूदान यज्ञ समिति अब विघटित हो चुकी है।

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