आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पर असर
आईएमएफ के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की रफ्तार पिछले कुछ समय से अपेक्षाकृत धीमी हो गई है। इसका कारण प्रमुख रूप से औद्योगिक क्षेत्र में नरमी आना बताया जा रहा है। इससे पहले, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल ने भी वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की वृद्धि दर अनुमान को 6.9 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया था। इस बदलाव को वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू कारकों के परिणामस्वरूप देखा जा रहा है।
भारत की GDP वृद्धि को लेकर रिपोर्ट
1 .भारत की GDP वृद्धि दर अनुमान: आईएमएफ ने भारत की GDP वृद्धि दर को वित्त वर्ष 2026 और 2027 के लिए 6.5 फीसदी बनाए रखने का अनुमान व्यक्त किया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता के अनुरूप है।
2 .औद्योगिक गतिविधियों में धीमापन: आईएमएफ ने बताया कि भारत में वृद्धि की रफ्तार उम्मीद से धीमी हुई है, जिसके पीछे मुख्य कारण औद्योगिक गतिविधियों में नरमी है।
3 .सांख्यिकी कार्यालय का अनुमान: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP वृद्धि दर को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया, जो पिछले चार साल का सबसे कम अनुमान है।
4 .आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाले कारक: फिक्की और भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, ग्रामीण मांग में मजबूती, उपभोक्ता खर्च में सुधार, और पूंजीगत व्यय में निरंतर जोर से आर्थिक वृद्धि को गति मिलने की उम्मीद है।
5 .वैश्विक आर्थिक परिदृश्य: आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर को 2025 के लिए 3.3 फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान व्यक्त किया, और संरक्षणवादी नीतियों से व्यापार, निवेश, और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव बढ़ने की संभावना जताई है।
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