दहेज की बढ़ती मांग
बिहार में जब एक लड़के की सरकारी नौकरी हो, तो लड़की पक्ष से दहेज में भारी रकम की उम्मीद की जाती है। इस समय, खासकर सरकारी नौकरी वालों के लिए दहेज की मांग में एक बंपर उछाल देखा जा रहा है। उदाहरण के लिए, एक लड़का अगर IAS या IPS अधिकारी है, तो दहेज में ₹60 लाख से लेकर ₹1 करोड़ तक की मांग की जा सकती है।
बता दें की बिहार सरकार ने दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। दहेज निषेध अधिनियम (1961) के तहत दहेज लेना और देना दोनों अपराध माने जाते हैं, और इसके तहत कठोर सजा का प्रावधान है। सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जैसे दहेज की मांग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और दहेज की रकम को सरकारी कर्मचारियों द्वारा दिए जाने वाले प्रमाणपत्रों में दर्ज करने का प्रावधान। लेकिन फिर भी दहेज में कमी नहीं हो रही हैं।
दहेज की मांग: सरकारी नौकरी के आधार पर
फोर्थ ग्रेड कर्मचारी: दहेज: ₹6 लाख से ₹8 लाख, बाइक ₹1 लाख ज्यादा।
क्लर्क: दहेज: ₹12 लाख से ₹14 लाख, बाइक की मांग: ₹1.5 लाख से ज्यादा।
बैंक पीओ : दहेज: ₹20 लाख से ₹24 लाख, कार की मांग: ₹10 लाख से ₹12 लाख।
दारोगा: दहेज: ₹20 लाख से ₹22 लाख, कार की मांग: ₹10 लाख से ₹12 लाख।
BPSC चयनित टीचर: दहेज: ₹18 लाख से ₹20 लाख, एसयूवी ₹15 लाख।
सरकारी इंजीनियर (बिहार): दहेज: ₹30 लाख से ₹34 लाख, कार की मांग: ₹15 लाख तक।
सरकारी इंजीनियर (केंद्र): दहेज: ₹28 लाख से ₹32 लाख, कार की मांग: ₹15 लाख तक।
बीडीओ/सीओ: दहेज: ₹32 लाख से ₹38 लाख, कार की मांग: ₹15 लाख तक।
एसडीओ-एसडीपीओ: दहेज: ₹50 लाख से ₹55 लाख, स्कॉर्पियो या सफारी जैसी महंगी कार की मांग।
IAS-IPS अधिकारी: दहेज: मुंह मांगी कीमत, जो परिवार की स्थिति और लड़के की रैंक पर निर्भर करती है।
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