हाइपरसोनिक मिसाइलों का महत्व: हाइपरसोनिक मिसाइलें वह मिसाइलें होती हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति से यात्रा करती हैं। इनका मतलब यह है कि यह मिसाइलें Mach 5 (यानी 6,174 किलोमीटर प्रति घंटा) से भी तेज होती हैं। ये मिसाइलें केवल अपनी तेज रफ्तार की वजह से खतरनाक नहीं होतीं, बल्कि ये अपनी बेहतरीन नियंत्रण क्षमता और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता के कारण मौजूदा मिसाइल डिफेंस प्रणालियों को भी आसानी से चकमा दे सकती हैं।
स्क्रैमजेट इंजन: स्क्रैमजेट इंजन इस तकनीक का एक अहम हिस्सा हैं। यह इंजन सुपरसोनिक गति (Mach 5 और उससे अधिक) से उड़ते हुए भी बिना किसी गतिमान पुर्जे के, हवा के भीतर दहन (combustion) बनाए रखने में सक्षम होते हैं। इसका मतलब है कि इन इंजन के जरिए मिसाइलों की गति को अत्यधिक बढ़ाया जा सकता है और इसके साथ ही इनकी रेंज और प्रभावी शिकार क्षमता भी बढ़ाई जा सकती है। स्क्रैमजेट इंजन की खासियत यह है कि ये बहुत ही कम समय में हवा के भीतर घुसकर अत्यधिक गति से यात्रा कर सकते हैं, जिससे दुश्मन के लिए इनका पता लगाना और इन्हें रोकना बहुत कठिन हो जाता है।
120 सेकंड का परीक्षण: DRDO की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL) में स्क्रैमजेट इंजन के एक्टिव कूल्ड कम्बस्टर का परीक्षण किया। यह परीक्षण जमीन पर 120 सेकंड तक सफलतापूर्वक चलाया गया। यह परीक्षण अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। डीआरडीओ के अधिकारी के अनुसार, 'यह सफलता भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है, और भविष्य में इसे हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा।'
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