बिहार में ये जमाबंदी होगी रद्द, CO को मिला आदेश

पटना: बिहार में अवैध तरीके से की गई ज़मीन की जमाबंदियों पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत सीओ को यह अधिकार दिया है कि वह डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया के तहत लॉक जमाबंदी को अनलॉक करें। इससे पहले यह अधिकार भूमि सुधार उप समाहर्ता के पास था, लेकिन हाल ही में हुई समीक्षा में यह पाया गया कि यह व्यवस्था प्रभावी नहीं थी। इसके बाद सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए सीओ को यह अधिकार सौंपा है।

क्या हैं लॉक जमाबंदी और सीओ के अधिकार?

लॉक जमाबंदी से तात्पर्य उन जमाबंदियों से है, जिनमें कोई गलत जानकारी दर्ज की जाती है या जहां सरकारी ज़मीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया जाता है। अब सीओ को यह अधिकार प्राप्त होगा कि वह ऐसे मामलों की जांच करें और सरकारी ज़मीन पर की गई अवैध जमाबंदी को रद्द कर सकें। जब किसी जमाबंदी में सरकारी ज़मीन की पहचान होती है, तो सीओ के द्वारा उस पर जांच की जाएगी। अगर इस जमाबंदी में कोई गड़बड़ी या अवैध कब्जा पाया जाता है, तो उसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

नई व्यवस्था के फायदे

इस नई व्यवस्था से राज्य में अवैध जमाबंदी की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा। साथ ही सरकारी ज़मीन पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को खत्म किया जा सकेगा। पहले के नियमों के तहत यह काम धीमी गति से चलता था, लेकिन अब सीओ के पास त्वरित कार्रवाई करने का अधिकार है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में गति आएगी और जनता को शीघ्र न्याय मिलेगा।

समीक्षा के बाद बदलाव का निर्णय

समीक्षा में यह पाया गया था कि पहले भूमि सुधार उप समाहर्ता के पास यह अधिकार था, लेकिन यह व्यवस्था उतनी प्रभावी नहीं थी। इसके कारण अवैध जमाबंदी की स्थिति बनी रहती थी। सीओ को यह अधिकार सौंपने से उम्मीद की जा रही है कि यह प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और तेज़ होगी। इसके अलावा, यह कदम सरकारी ज़मीन की सुरक्षा और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

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