भारत की जीडीपी वृद्धि दर और चीन की स्थिति
हाल में आई मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर चीन की आर्थिक वृद्धि से तीन गुना अधिक रही है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो यह दर्शाता है कि भारत ने आर्थिक विकास के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस वृद्धि दर में सुधार और स्थिरता के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सरकार की आर्थिक नीतियां, व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि, और विदेशी निवेश आकर्षित करने वाली पहलें शामिल हैं।
इसके विपरीत, चीन की आर्थिक वृद्धि दर में मंदी का सामना करना पड़ा है, और यह विश्वभर में चिंता का विषय बन चुका है। चीन के उद्योगों में मंदी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला संकट, और आंतरिक आर्थिक नीतियों के कारण चीन की विकास दर कमजोर पड़ी है।
भारत के लिए वैश्विक बाज़ारों में उभार
भारत का आर्थिक प्रदर्शन वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रूप से उभरा है। MSCI IMI (Investible Large, Mid and Small Cap) के अनुसार, भारत अब सबसे बड़ा इमर्जिंग मार्केट (EM) बन चुका है, जबकि चीन का वेटेज 2021 में अपने शिखर पर पहुँचने के बाद तेजी से घटा है। भारत का वर्तमान वेटेज 2.35 है, जो उसे दुनिया के छठे सबसे बड़े इमर्जिंग मार्केट के रूप में स्थापित करता है, और यह फ्रांस से केवल थोड़ा ही कम है, जहां का वेटेज 2.38 है।
चीन से तेज भारत की GDP वृद्धि दर
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2% थी। जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4% रहेगी। वहीं, साल 2023 में चीन की जीडीपी में 2.7% की वृद्धि हुई थी। वहीं, साल 2024 में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 5% के आसपास रही। साल 2025 में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.5% रहने का अनुमान है।
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