भारत-जापान के GDP में कितना अंतर, कौन आगे?

नई दिल्ली: भारत और जापान की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बीच का अंतर लगातार घट रहा है, और आगामी वर्षों में यह और भी कम हो सकता है। हाल के अनुमानों के मुताबिक, 2025 तक भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकती है, जबकि जापान की जीडीपी 4.310 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान है। इस प्रकार, भारत का जीडीपी जापान से थोड़ा अधिक हो सकता है।

2023 में जीडीपी का अंतर:

साल 2023 में, भारत की जीडीपी 3.55 ट्रिलियन डॉलर थी, जबकि जापान की जीडीपी 4.22 ट्रिलियन डॉलर थी। यह दर्शाता है कि 2023 में जापान की जीडीपी, भारत की तुलना में काफी अधिक थी। हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेज़ी से बढ़ रही है, और इसकी जीडीपी वृद्धि दर जापान से अधिक रही है, जिससे अंतर कम हो रहा है।

भविष्य की दिशा:

एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण के अनुसार, अगर भारत की विकास दर इसी गति से बढ़ती रही, तो 2030 तक भारत की जीडीपी जापान से कहीं अधिक हो सकती है। 2030 तक भारत की जीडीपी 7,300 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जिससे वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

भारत की अर्थव्यवस्था में निरंतर सुधार, बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते हुए विनिर्माण क्षेत्र, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार, और वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका जैसे कारण भारत की जीडीपी को तेजी से बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।

जापान की स्थिति:

जापान, जो पहले एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हुआ करता था, अब चीन और भारत से पिछड़ने लगा है। हालांकि, जापान की अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मजबूत है, लेकिन उसकी वृद्धि दर धीमी है। जापान की जनसंख्या में गिरावट और वृद्धिशील श्रम शक्ति की कमी जैसे कारक उसके आर्थिक विकास की गति को सीमित कर रहे हैं।

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