अमृत धारा योजना का उद्देश्य और लाभ
अमृत धारा योजना का उद्देश्य गाय पालन में वृद्धि करना और किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करना है। इस योजना के तहत, सरकार किसानों और पशुपालकों को वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ उन्हें गाय पालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने किसानों को एक बड़ी सौगात दी है, जिससे वे न केवल गाय पालन में संलग्न हो सकेंगे, बल्कि अपनी खेती को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त जैविक खेती में बदल सकेंगे।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
1 .ऋण का प्रावधान:
इस योजना के तहत, पशुपालकों को दो से दस गाय रखने के लिए सरकार द्वारा 10 बैंकों के जरिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। यह ऋण पशुपालकों को बिना किसी रुकावट के मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने 10 प्रमुख बैंकों से करार किया है।
2 .गारंटर की आवश्यकता नहीं:
इस योजना में एक और सबसे खास बात यह है कि तीन लाख रुपये तक के ऋण पर किसी प्रकार के गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे यह ऋण लेने में आसानी होगी और छोटे एवं मझले किसान भी इसका लाभ उठा सकेंगे और लोग गाय पालन कर सकेंगे।
3 .आर्थिक सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण:
इस योजना के तहत किसानों को न केवल वित्तीय मदद मिलेगी, बल्कि गाय पालन के तकनीकी पहलुओं पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पशुपालक अपने काम को ज्यादा प्रभावी ढंग से कर सकेंगे और उन्हें गाय पालन के नए तरीके, देखभाल, खाद्य प्रबंधन और स्वस्थ गायों को बढ़ाने के तरीके सीखने को मिलेंगे।
4 .गोवंश संरक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा:
इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य गोवंश संरक्षण है। छुट्टा गोवंश की समस्या से निपटने के लिए यह पहल महत्वपूर्ण साबित होगी। इसके साथ ही, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गायों का गोबर और मूत्र भी कृषि में उपयोगी साबित होगा, जिससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होगी और किसान अपनी खेती में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करेंगे।
5 .इस योजना के सामाजिक और आर्थिक लाभ:
अमृत धारा योजना से यूपी में गाय पालन को न केवल बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी सकारात्मक परिणाम देगा। पहले जहां छुट्टा गोवंश किसानों के लिए समस्या बने हुए थे, अब वे गायों को अच्छे से पाल सकेंगे और इससे उन्हें अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा। इसके अलावा, छोटे और मझले किसानों को ऋण प्राप्त होगा, जिससे वे अपने पशुपालन व्यवसाय को विस्तार दे सकेंगे और समृद्ध हो सकेंगे।
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