रिक्त पदों का आंकड़ा
विधानसभा के वर्तमान सत्र में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इस मुद्दे पर जानकारी दी है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कुल मिलाकर 1.20 लाख से अधिक पद खाली हैं। इन पदों में से अधिकतर पद सीधी भर्ती के लिए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के कुल स्वीकृत 417,886 पदों में से 79,296 पद रिक्त हैं। इनमें 57,405 पद सीधी भर्ती के हैं, जबकि 21,891 पद पदोन्नति के हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 162,198 स्वीकृत पदों में से 41,338 पद रिक्त हैं, और ये सभी पद पदोन्नति के हैं।
शिक्षक-छात्र अनुपात
शिक्षा मंत्री का कहना है कि शिक्षक-छात्र अनुपात संतुलित है। उनका कहना है कि आरटीई (Right to Education) मानक के अनुसार, शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है यदि हम शिक्षामित्रों को जोड़ते हैं। प्राथमिक विद्यालयों में कुल 338,590 शिक्षक कार्यरत हैं और छात्र नामांकन 1,04,93,389 है। इस आधार पर, छात्र-शिक्षक अनुपात 301 है। वहीं, अगर 143,450 शिक्षामित्रों को भी इसमें जोड़ लिया जाए, तो यह अनुपात 221 हो जाता है, जो आरटीई मानक के अनुसार संतुलित माना जाता है।
शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हो रही?
बेसिक शिक्षा मंत्री के अनुसार, फिलहाल शिक्षक-छात्र अनुपात मानक के अनुसार संतुलित है, लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल शिक्षक-छात्र अनुपात को ही ध्यान में रखा जा सकता है? शिक्षा के गुणवत्ता, कार्यभार और शिक्षक की उपलब्धता जैसे पहलुओं को भी गंभीरता से देखा जाना चाहिए। विशेष रूप से सीधी भर्ती के लिए रिक्त पदों की संख्या बड़ी है, जो विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति को प्रभावित कर सकती है।
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