योजना की विशेषताएँ
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 54,000 सोलर पंप वितरित किए जाएंगे। योजना का उद्देश्य उन किसानों को लाभ पहुंचाना है, जो सिंचाई के लिए डीजल या अन्य महंगे ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करते हैं। इस कदम से किसानों को न केवल आर्थिक रूप से मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
आवेदन प्रक्रिया और नियम
किसान इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.agriculture.up.gov.in) पर जा सकते हैं। आवेदन के दौरान किसानों को 5,000 रुपये की टोकन राशि जमा करनी होगी। आवेदन के बाद, उन्हें 14 दिनों के भीतर बाकी की राशि जमा करनी होगी, अन्यथा उनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा और टोकन राशि जब्त कर ली जाएगी।
सोलर पंप के लिए बोरिंग की आवश्यकता
सोलर पंप लगाने के लिए यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों के पास उचित बोरिंग हो। योजना में निर्धारित किया गया है कि 2 एचपी पंप के लिए 4 इंच, 3 और 5 एचपी पंप के लिए 6 इंच, और 7.5 एचपी और 10 एचपी पंप के लिए 8 इंच की बोरिंग होनी चाहिए। यदि किसान के पास पहले से बोरिंग नहीं है, तो उन्हें इसे खुद करवाना होगा। सत्यापन के दौरान बोरिंग का अभाव होने पर टोकन राशि जब्त कर दी जाएगी और आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
कितना मिलेगा अनुदान और वित्तीय सहायता
इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि 2 एचपी का सोलर पंप लगाया जाता है, तो इसकी कुल लागत 2.49 लाख रुपये होगी, जिसमें से किसान को 1.70 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। इस अनुदान में सोलर पंप के लिए 1.03 लाख रुपये और टाली के लिए 67,500 रुपये शामिल हैं। किसान को अपने हिस्से के 79,186 रुपये का बैंक ड्राफ्ट विभाग में जमा करना होगा। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।
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