खबर के अनुसार लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके के ग्राम-परेहटा में लगभग 100 बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग का काम जारी था। यहां विभिन्न डेवलपर्स द्वारा बिना प्राधिकरण से स्वीकृत ले-आउट के अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी। इसके अलावा, पीएम सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा 20 बीघा और 25 बीघा क्षेत्र में भी अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी।
बता दें की यह सब गतिविधियां बिना किसी कानूनी अनुमति के हो रही थीं। इस पर कोर्ट ने कार्रवाई करने का आदेश दिया, जिसके बाद एलडीए और पुलिस बल की संयुक्त टीम ने इन अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की। इसी तरह, काकोरी के ग्राम-मर्दनखेड़ा में भी 5 बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी। यहां पर भी न्यायालय ने ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था, जिसके बाद एलडीए और अन्य संबंधित विभागों की टीम ने तत्काल कार्रवाई की और निर्माण सामग्री, सड़कें, नालियां, बिजली के खंभे, बाउंड्रीवॉल, साइट ऑफिस आदि को ध्वस्त कर दिया।
कार्रवाई के दौरान क्या ध्वस्त किया गया?
इन अवैध प्लॉटिंग में डेवलपर्स ने पूरी तरह से तैयार सड़कों, नालियों, बाउंड्रीवॉल, बिजली के खंभे और यहां तक कि साइट ऑफिस भी बना दिए थे। इन निर्माणों को हटाने के लिए बुलडोज़र का उपयोग किया गया और इन क्षेत्रों में चल रही अवैध गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया। इस कार्रवाई से उन लोगों में डर और हड़कंप मच गया, जो बिना किसी कानूनी स्वीकृति के भूमि पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे।
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