जाली प्रमाण पत्र का मामला
सीतापुर जिले में 12460 शिक्षक भर्ती के तहत तैनात हुए शिक्षकों में से 500 के प्रमाणपत्रों की जांच की गई थी। जांच में पता चला कि कुछ शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया था। इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रमाणपत्रों की वैधता की जांच करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि योग्य उम्मीदवारों को ही नौकरी मिल सके और भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
बर्खास्तगी की प्रक्रिया
जाली प्रमाण पत्र की पहचान होने के बाद, विभाग ने इन शिक्षक-सेवकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले, संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया, और फिर बर्खास्तगी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। यह कदम शासन के निर्देशों और विभागीय नियमों के तहत लिया गया, ताकि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके जो सरकारी नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी कर रहे हैं।
बर्खास्त किए गए सहायक अध्यापक
बबलू यादव (प्राथमिक विद्यालय बगचन महोली)
रंजना (प्राथमिक विद्यालय शाहपुर महोली)
अभिषेक कुमार (प्राथमिक विद्यालय जमुनहा महोली)
विनोद कुमार (कंपोजिट विद्यालय बन्नीराय बिसवा)
मनोज कुमार (प्राथमिक विद्यालय बन्नी खरैला बिसवां)
अरविंद कुमार (प्राथमिक विद्यालय चौखड़िया मिश्रिख)
गोपाल सिंह (प्राथमिक विद्यालय ततरोई मिश्रिख)
जितेंद्र कुमार (प्राथमिक विद्यालय ढखिया कला पिसावां)
इन सहायक अध्यापक पर भी की गई कार्रवाई
राहुल कुमार (प्राथमिक विद्यालय बांसी पिसावां)
अकबर शाह (प्राथमिक विद्यालय फकरपुर पिसावां)
प्रदीप कुमार यादव (प्राथमिक विद्यालय ईश्वर वारा पहला)
दिनेश कुमार यादव (प्राथमिक विद्यालय कोदौरा रामपुर मथुरा)
प्रमोद कुमार (प्राथमिक विद्यालय अमावा सकरन)
भूपेन्द्र सिंह (प्राथमिक विद्यालय अमिरती सकरन)
सुनील कुमार (प्राथमिक विद्यालय बिलरिया सकरन)
ओम वीर सिंह (उच्च प्राथमिक विद्यालय बिचपरी बिसवां)
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