यूपी में आउटसोर्स कर्मियों को 4 श्रेणी में मिलेगी सैलरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आउटसोर्स कर्मियों की स्थिति सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने राज्य में आउटसोर्स कर्मियों को चार श्रेणियों में बांटकर मानदेय तय करने की योजना बनाई है। इसके तहत, कर्मियों को उनकी योग्यता और काम के अनुसार उचित वेतन मिलेगा। 

साथ ही, राज्य सरकार आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति के लिए एक नया निगम, "उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" बनाने की तैयारी कर रही है। इस निगम के माध्यम से विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे उनके शोषण की स्थिति पर भी काबू पाया जा सकेगा।

चार श्रेणियों में बांटी जाएगी सैलरी

उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय के तहत आउटसोर्स कर्मियों को चार श्रेणियों में बांटा जाएगा, और प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग मानदेय निर्धारित किया जाएगा।

श्रेणी एक: इस श्रेणी के कर्मियों को 25,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।

श्रेणी दो: इन कर्मियों को 21,500 रुपये का मानदेय मिलेगा।

श्रेणी तीन: इस श्रेणी के कर्मियों को 18,500 रुपये का मानदेय मिलेगा।

श्रेणी चार: इस श्रेणी के कर्मियों को 15,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।

महिला कर्मियों के लिए विशेष सुविधाएं

महिला कर्मियों के लिए भी इस नीति में विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्हें मातृत्व अवकाश, ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि उनका मानदेय समय पर और पूरी तरह से दिया जा सके। इस कदम से महिला कर्मियों को उनके अधिकार मिलेंगे और मातृत्व अवकाश के दौरान उनका मानदेय कटने की समस्या का समाधान होगा।

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम की भूमिका

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का मुख्य उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है। इस निगम के माध्यम से न केवल कर्मियों की भर्ती होगी, बल्कि यह उनकी सेवा की शर्तों, वेतनमान और अन्य सुविधाओं की निगरानी भी करेगा। इससे आउटसोर्स कर्मियों के शोषण पर काबू पाया जा सकेगा और उनके कार्य वातावरण में सुधार होगा।

0 comments:

Post a Comment