भारत की एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-3: चीन के लिए खतरे की घंटी!

नई दिल्ली: भारत ने हाल ही में अपनी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-3 का सफल परीक्षण किया है, जिसे भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। यह मिसाइल न केवल भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाती है, बल्कि चीन जैसे देशों के लिए एक गंभीर रणनीतिक चिंता का कारण बन गई है। चीन, जो लगातार भारत के साथ सीमा विवादों में उलझा हुआ है, अब इस नई मिसाइल प्रणाली को लेकर घबराया हुआ है। आइए जानते हैं रुद्रम-3 की ताकत और क्यों यह मिसाइल चीन के लिए खतरे की घंटी बन गई है।

रुद्रम-3 क्या है?

रुद्रम-3 एक अत्याधुनिक एंटी रेडिएशन मिसाइल (ARM) है, जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। यह मिसाइल भारतीय एयरफोर्स द्वारा प्रयोग की जा सकती है और इसका उद्देश्य शत्रु के राडार सिस्टम और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों को निशाना बनाना है। रुद्रम-3 का खास उद्देश्य दुश्मन की सामरिक कमियों का फायदा उठाना है, ताकि एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय किया जा सके और शत्रु की सुरक्षा में सेंधमारी की जा सके।

रुद्रम-3 की ताकत

1 .सटीकता: रुद्रम-3 एक उच्च सटीकता वाली मिसाइल है, जो इलेक्ट्रॉनिक और राडार जाम करने वाले तंत्रों को सटीक रूप से निशाना बनाती है। यह मिसाइल शत्रु के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने में सक्षम है।

2 .बहुपरकारी उपयोग: यह मिसाइल एयरफोर्स के विभिन्न विमानों से लॉन्च की जा सकती है, जैसे सुखोई-30MKI, और अन्य लड़ाकू विमान, जो इसकी युद्धक्षेत्र में इस्तेमाल की क्षमता को और भी बढ़ाते हैं।

3 .इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में माहिर: रुद्रम-3 का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दुश्मन के राडार, कम्युनिकेशन सिस्टम और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय करने में माहिर है। यह पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में मददगार साबित हो सकती है।

4 .सुरक्षा कोष्ठक: इस मिसाइल का विकास भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश को बाहरी दबावों से बचने की रणनीतिक क्षमता प्रदान करता है। रुद्रम-3 भारत की रक्षा नीति को और मजबूती प्रदान करता है, जो चीनी सैन्य गतिविधियों और अन्य पड़ोसी देशों के लिए चिंता का कारण बनता है।

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