भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के आगे पानी भरेगा चीन, J-20 भी फेल!

नई दिल्ली: भारत का एयर डिफेंस सिस्टम (एडीएस) समय के साथ अत्याधुनिक तकनीकी और सामरिक रूप से मजबूत हो चुका है। भारतीय सुरक्षा बलों ने अपनी आकाश और भूमि की सीमाओं पर चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार अपने रक्षा तंत्र को मजबूत किया है। खासतौर पर भारत का एयर डिफेंस सिस्टम अब दुनिया के बेहतरीन रक्षा प्रणालियों में गिना जाता है। इस सिस्टम के सामने चीन के लिए संभावनाओं का सीमित दायरा है, और यह भारतीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा फायदा साबित हो सकता है।

भारत का एयर डिफेंस:

भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख प्रणालियों को अपनाया है। इसमें रूस से प्राप्त S-400 Triumf मिसाइल डिफेंस सिस्टम, स्वदेशी Akash और Barak 8 जैसी प्रणालियाँ शामिल हैं। S-400 जैसे सिस्टम हवा में मौजूद शत्रु विमानों, मिसाइलों, और ड्रोन को कई सौ किलोमीटर की दूरी से पहचानने और नष्ट करने में सक्षम हैं। यह भारत को न केवल अपने आकाश की रक्षा करने की क्षमता प्रदान करता है, बल्कि दुश्मन के हमलों का कड़ा जवाब देने में भी सक्षम बनाता है।

चीन के लिए चुनौती:

चीन, जो कि भारत का प्रतिद्वंद्वी है, लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है, लेकिन भारत का एयर डिफेंस सिस्टम इस स्थिति को जटिल बना सकता है। भारत के पास जो आधुनिक डिफेंस सिस्टम हैं, वे चीन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। चीन ने कई नए हथियारों और विमानों का विकास किया है, लेकिन भारत के पास ऐसे सिस्टम हैं जो चीन के अधिकांश उन्नत हवाई हमलों को नाकाम करने की क्षमता रखते हैं।

चीन के पास J-20 और J-10 जैसे उन्नत लड़ाकू विमान हैं, लेकिन इन विमानों को भारतीय S-400 और Akash जैसी प्रणालियाँ निगरानी में रख सकती हैं। इसके अलावा, चीन के पास कुछ मिसाइल सिस्टम भी हैं, लेकिन भारत के पास इन मिसाइलों को नष्ट करने के लिए सामरिक उपाय और सिस्टम मौजूद हैं।

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