यूपी में अवैध कब्जे के खिलाफ 3 चरणों में कार्रवाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भू-माफियाओं और अवैध कब्जों के खिलाफ राज्य सरकार ने अब एक सख्त और व्यवस्थित कदम उठाया है। भू-माफियाओं के खिलाफ एंटी भू-माफिया अभियान को प्रभावी बनाने के लिए, राज्य सरकार ने अब कार्रवाई को तीन चरणों में विभाजित किया है। इस नए दृष्टिकोण से उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में भूमि से संबंधित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।

तीन चरणों में कार्रवाई

1 .पहला चरण: इस चरण में एसडीएम (सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट) और डीएम (जिलाधिकारी) के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों में शिकायतों की जांच और प्रारंभिक कार्रवाई का जिम्मा एसडीएम और डीएम पर डाला गया है। उनका काम भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाना और रिपोर्ट तैयार करना होगा।

2 .दूसरा चरण: इस चरण में पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। यदि एसडीएम और डीएम स्तर पर कार्रवाई के बाद मामला गंभीर होता है, तो पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त इसकी जांच करेंगे और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

3 .तीसरा चरण: अंत में, यदि मामले में और भी जटिलता आती है, तो राजस्व परिषद और डीजीपी (सचिवालय, पुलिस महानिदेशक) के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। इस स्तर पर राज्य सरकार के उच्चतम अधिकारी भू-माफिया गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और नीतिगत फैसले लेंगे।

एंटी भू-माफिया पोर्टल: शिकायतें दर्ज करने का नया तरीका

उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि कब्जे और अन्य संबंधित मामलों में लोगों को सीधे शिकायत दर्ज कराने के लिए एंटी भू-माफिया पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से लोग शासकीय भूमि, सार्वजनिक भूमि, चकरोड, तालाब, खलिहान, चारागाह, निजी भूमि, और फर्जी बैनामों जैसे विभिन्न मामलों में शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। अब, इस पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायतें सीधे एसडीएम के पास भेजी जाएंगी, जिससे शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। 

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