यूपी के इस शहर में किरायेदारों का होगा सत्यापन

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में नगर निगम द्वारा 2.20 लाख मकानों में रहने वाले किरायेदारों का सत्यापन शुरू किया जाएगा। यह प्रक्रिया शासन के निर्देशों के तहत आयोजित की जा रही है और इसका मुख्य उद्देश्य शहर में किरायेदारों की सही जानकारी एकत्र करना है। इस पहल के जरिए वाराणसी नगर निगम को न केवल भवन स्वामियों से अधिक गृहकर वसूलने में मदद मिलेगी, बल्कि कूड़ा उठाने के लिए यूजर चार्ज की वसूली भी सुनिश्चित की जाएगी।

किरायेदारों का सत्यापन इसलिए जरूरी है क्योंकि अक्सर मकान मालिक अपने किरायेदारों की जानकारी छुपाते हैं, जिससे टैक्स चोरी की समस्या उत्पन्न होती है। शहर में 75,000 से ज्यादा भवनों के मालिक अपने मकानों के एक से दस कमरे किराए पर चला रहे हैं। ऐसे भवन मालिकों से यूजर चार्ज वसूलने की योजना बनाई गई है। यह यूजर चार्ज हर व्यक्ति से 50 रुपये प्रति माह लिया जाएगा, जिसे नगर निगम की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए खर्च किया जाएगा।

नगर निगम का यह कदम न केवल टैक्स की चोरी को रोकने में मदद करेगा, बल्कि यह शहर की सफाई व्यवस्था को भी दुरुस्त करेगा। कूड़ा उठान सेवा के लिए यूजर चार्ज की वसूली से सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, नए उपकरण खरीदने और सफाई कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, सही आंकड़ों के माध्यम से नगर निगम को शहर की वास्तविक जनसंख्या का भी पता चलेगा, जो भविष्य में योजनाओं के निर्माण और संसाधन आवंटन में सहायक होगा।

इस सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यदि किसी मकान मालिक ने किरायेदारों की जानकारी छुपाई तो उन्हें जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है। इससे न केवल टैक्स चोरी पर कड़ी नज़र रखी जाएगी, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा। किरायेदारों के सत्यापन से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारियों को समझे और नगर निगम की योजनाओं में सहभागिता निभाए।

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