यूपी में 3 लाख लोगों को नहीं मिलेगा फ्री में गेहूं-चावल

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं के मुफ्त राशन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस संकट का कारण ईकेवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) की अनिवार्यता है, जिसकी प्रक्रिया अब तक पूरा नहीं हो पाई है। यूपी सरकार की यह योजना, जिसके तहत पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारकों को हर महीने पांच किलो मुफ्त गेहूं और चावल दिया जाता है, अब उन उपभोक्ताओं के लिए संकट बन गई है जिन्होंने अपनी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है।

ईकेवाईसी का महत्व

ईकेवाईसी का उद्देश्य राशन कार्ड की पारदर्शिता और वास्तविकता सुनिश्चित करना है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि केवल वास्तविक पात्र व्यक्ति ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें और अपात्र लोगों का राशन कार्ड रद्द किया जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संदर्भ में छह महीने पहले ही निर्देश जारी किए थे कि सभी राशन कार्डधारकों को ईकेवाईसी करानी होगी। इसके बाद ही उन्हें राशन मिल सकेगा।

राशन संकट की संभावना

यदि उपभोक्ता ईकेवाईसी नहीं कराते हैं, तो उन्हें सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा, और इन तीन लाख उपभोक्ताओं का राशन पूरी तरह से रुक सकता है। यह स्थिति उन परिवारों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है, जो हर महीने अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए इस मुफ्त राशन पर निर्भर रहते हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या इन उपभोक्ताओं को समय पर ईकेवाईसी पूरी करवा पाई जाएगी और उन्हें उनका अधिकार मिल सकेगा?

इटावा में प्रभावित उपभोक्ताओं की स्थिति

इटावा जिले में कुल 11 लाख 76 हजार 714 उपभोक्ता पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक हैं, जिनमें से 2 लाख 90 हजार 558 राशन कार्डों पर नाम दर्ज हैं। इनमें से करीब तीन लाख उपभोक्ताओं ने अभी तक अपनी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। जिला पूर्ति अधिकारी सीमा त्रिपाठी के अनुसार, जब तक इन उपभोक्ताओं ने ईकेवाईसी नहीं कराई, तब तक उन्हें मुफ्त राशन नहीं मिल सकेगा। इस कारण इन उपभोक्ताओं का राशन संकट में पड़ सकता है।

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