प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में लोन को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:
1 .शिशु योजना: इस योजना के तहत व्यवसाय शुरू करने के लिए 50,000 रुपये तक का लोन दिया जाता है।
2 .किशोर योजना: इस योजना के तहत 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है, जो व्यवसाय को विस्तार देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
3 .तरुण योजना: इस योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है, जिसका उपयोग व्यवसाय को तेजी से बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
मुद्रा लोन की विशेषताएँ:
महिला को ब्याज दरों पर छूट: महिला उद्यमियों को विशेष रूप से ब्याज दरों में छूट दी जाती है, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम होता है और वे आसानी से अपने व्यवसाय के लिए लोन प्राप्त कर सकती हैं। यह सुविधा उन्हें वित्तीय दृष्टिकोण से सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
कॉलैटरल-फ्री लोन: मुद्रा योजना के तहत महिला उद्यमियों को बिना किसी संपत्ति (सिक्योरिटी) के लोन दिया जाता है। इसका मतलब यह है कि महिलाओं को अपने घर, ज़मीन या किसी अन्य संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती। यह सुविधा छोटे व्यवसायियों के लिए एक बड़ी राहत है।
भुगतान अवधि: मुद्रा लोन के तहत दी गई राशि का भुगतान अधिकतम 5 वर्षों तक किया जा सकता है, जिससे महिला उद्यमियों को समय मिलता है और वे अपनी आमदनी के हिसाब से किस्तों का भुगतान कर सकती हैं। मुद्रा लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस मंज़ूर हुई लोन राशि की 0.50% तक होती है, जो अपेक्षाकृत कम है और यह महिला उद्यमियों के लिए एक और राहत है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्धता: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत महिला उद्यमियों को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोन प्रदान किया जाता है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला व्यवसायियों के लिए एक बड़ा अवसर है, जिससे वे स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा कर सकती हैं।
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