बिहार के स्कूलों में जल्द होगी अनुकंपा पर नियुक्ति!

पटना: बिहार राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा के उप सत्र में एक अहम निर्णय लिया है, जो न सिर्फ शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करेगा, बल्कि मृत शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों के लिए रोजगार की एक नई राह खोलेगा। डॉ. प्रमोद कुमार और वंशीधर ब्रजवासी द्वारा विधान परिषद में उठाए गए प्रश्न के जवाब में सरकार ने बताया कि राज्य के स्कूलों में जल्द ही अनुकंपा पर नियुक्ति की जाएगी। यह निर्णय न सिर्फ उन परिवारों के लिए राहत का कारण बनेगा, जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया है, बल्कि यह स्कूलों में कर्मचारियों की कमी को भी पूरा करने में मदद करेगा।

अनुकंपा पर नियुक्ति का महत्व

अनुकंपा पर नियुक्ति का उद्देश्य उन कर्मचारियों के आश्रितों को सहायता देना है, जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान अपने जीवन की आहुति दी या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सेवा में असमर्थ हो गए। इस नीति के तहत, मृतक या दिव्यांग शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों को उनकी नियुक्ति के स्थान पर कार्य करने का अवसर मिलता है। यह न केवल उनके जीवन में स्थिरता लाने का काम करता है, बल्कि उनके शेष जीवन में सम्मानजनक जीवन जीने के अवसर भी प्रदान करता है।

विद्यालय सहायक के पदों का सृजन

बिहार राज्य सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 6,421 विद्यालय सहायक के पदों का सृजन किया है। इन पदों पर अनुकंपा के आधार पर मृतक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवार के सदस्य नियुक्त किए जाएंगे। इस निर्णय से न केवल स्कूलों में कामकाजी वातावरण बेहतर होगा, बल्कि उन परिवारों को भी रोजगार मिलेगा जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया था।

शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम

इस तरह की नियुक्तियां बिहार के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। राज्य में लंबे समय से शिक्षा व्यवस्था में कर्मचारियों की कमी और उनकी नियुक्तियों में विलंब की समस्या बनी हुई थी। अनुकंपा पर नियुक्ति का यह निर्णय उस कमी को कुछ हद तक दूर करेगा और विद्यालयों में नियमित कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएगा।

इसके अलावा, शिक्षा की गुणवत्ता पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जब विद्यालय सहायक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर योग्य और प्रशिक्षित लोग नियुक्त होते हैं, तो वे शिक्षा प्रक्रिया में मदद करते हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने में सहयोगी बनते हैं।

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