1. ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
यह सूर्य मंत्र सूर्य देवता की स्तुति है। यह मंत्र सूर्य की पूजा करने से हमारे जीवन में उजाला लाता है। "ॐ आदित्याय विदमहे" का अर्थ है कि हम आदित्य भगवान की पूजा करते हैं। "दिवाकराय धीमहि" का अर्थ है हम दिवाकर की ध्यान करते हैं, यानी सूर्य देवता के साथ एकात्मता की भावना रखते हैं। "तन्न: सूर्य: प्रचोदयात" का अर्थ है कि सूर्य देवता हमें ज्ञान और आशीर्वाद दें, जिससे हमारा जीवन दिशा प्राप्त करे।
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
यह मंत्र सूर्य देवता की विशेष स्तुति है, जिसमें ह्रीं बीज मंत्र का उच्चारण किया जाता है। "ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः" का अर्थ है कि हम सूर्य देवता को प्रणाम करते हैं और उनका ध्यान करते हुए जीवन में उजाला और ऊर्जा की प्राप्ति की कामना करते हैं। ह्रीं मंत्र का जाप मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ाता है।
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
यह मंत्र सूर्य देव के सहस्र किरणों की स्तुति करता है। इस मंत्र में यह प्रार्थना की जाती है कि सूर्य देवता अपनी सहस्र किरणों के माध्यम से हमारे सभी इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूरा करें। यह मंत्र सूर्य के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए शक्ति और आस्था को बढ़ाता है।
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
यह मंत्र सूर्य देवता के घृणि रूप की पूजा करता है। "घृणि" का अर्थ है सूर्य के उस रूप से संबंधित, जो प्रचंड शक्ति और तप को दर्शाता है। इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन की नकारात्मकता दूर होती है। "क्लीं" बीज मंत्र का उच्चारण करने से मन्नतें जल्दी पूरी होती हैं और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
5. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
यह मंत्र सूर्य देवता की उच्चतम रूप की स्तुति करता है। "घृणिं सूर्य्य: आदित्य:" का अर्थ है सूर्य के इस रूप की पूजा करें, जो अत्यधिक तेज और ज्ञान का दाता है। यह मंत्र मानसिक शांति और आत्मिक बल को बढ़ाता है, और जीवन की राह को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में मदद करता है।
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