इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा 8वें वेतन आयोग का लाभ

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है। यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इस आयोग के माध्यम से उनकी सैलरी, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा की जाएगी। आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। यह आयोग 2026 तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा।

वेतन आयोग का क्या महत्व है?

वेतन आयोग एक उच्च-स्तरीय समिति होती है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। यह आयोग कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों की समीक्षा करता है, ताकि वे आर्थिक दृष्टि से समर्थ और सुरक्षित रह सकें। वेतन आयोग यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी उनके कार्य और समय के अनुसार उपयुक्त हो। इसके माध्यम से कर्मचारियों के भत्तों में इजाफा, पेंशन योजनाओं में सुधार और अन्य कई कल्याणकारी योजनाओं की सिफारिशें की जाती हैं।

भारत में वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जो 2026 तक अपनी अवधि पूरी करेगा। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर, सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में समय-समय पर संशोधन किए जाते हैं। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने से पहले केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है, जिससे कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में एक नया सुधारात्मक कदम उठाया जा सके।

किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन आयोग का लाभ?

हालांकि 8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक राहत का संकेत है, लेकिन कुछ कर्मचारियों के लिए यह लाभ नहीं होगा। वे कर्मचारी जो पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) और ऑटोनॉमस बॉडी के तहत काम करते हैं, वे इस वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते। इसके अलावा, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी वेतन आयोग के दायरे से बाहर होते हैं। इन कर्मचारियों के वेतन और भत्ते अलग नियमों और कानूनों के तहत तय होते हैं, और ये वेतन आयोग के दायरे से बाहर होते हैं।

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