पश्चिमी देशों की आपसी टकराव से बचने का विकल्प
भारत पहले केवल पश्चिमी देशों के इंजन निर्माताओं से ही बातचीत कर रहा था, जिनमें जनरल इलेक्ट्रिक (अमेरिका), सफ्रान (फ्रांस) और रोल्स रॉयस (यूके) शामिल थे। हालांकि, इन कंपनियों से बातचीत के दौरान कई बार मुश्किलें आईं और एक तरह से भारत को अपनी जरूरतों के मुताबिक समझौता करना पड़ा। पश्चिमी देशों के साथ व्यापार करते वक्त राजनीतिक दबाव और अनिश्चितताओं की संभावना बनी रहती है, क्योंकि ये कंपनियां कभी भी अपने स्वार्थ को देखते हुए किसी भी समय समर्थन देने से मुंह फेर सकती हैं।
इसके कारण, भारत ने अपने पुराने और विश्वासपात्र साथी रूस को इस बातचीत में शामिल करने का निर्णय लिया। रूस के साथ डिफेंस क्षेत्र में दीर्घकालिक संबंध रहे हैं, और यह कदम भारत को पश्चिमी देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में ला सकता है। रूस ने जो इंजन प्रस्तावित किया है, वह न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत है, बल्कि यह भारत के लिए एक सुरक्षित और मजबूत विकल्प प्रस्तुत करता है, जिससे पश्चिमी देशों के स्वार्थ से बचा जा सकता है।
177S इंजन: रूस की नई तकनीकी उन्नति
रूस द्वारा प्रस्तावित 177S इंजन, रोस्टेक के यूनाइटेड इंजन कॉर्पोरेशन (UEC) द्वारा निर्मित एक अत्याधुनिक उत्पाद है। यह इंजन AL-41F1 तकनीक पर आधारित है, जो वर्तमान में रूस के सुखोई Su-57 "फेलन" विमान में इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, इसमें AL-51 इंजन की अत्याधुनिक तकनीकी विशेषताएँ भी शामिल की गई हैं, जो इसे और भी सक्षम बनाती हैं।
177S इंजन का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह लड़ाकू विमानों के लिए अतिरिक्त स्पीड और उच्च प्रदर्शन प्रदान करने की क्षमता रखता है। यह विशेषत: भारत के AMCA प्रोजेक्ट के लिए आदर्श साबित हो सकता है, क्योंकि भारत को ऐसे इंजन की आवश्यकता है, जो उसके विमान की गति, सुरक्षा और मारक क्षमता को बढ़ा सके।
फ्लैट नोजल डिजाइन: एक अतिरिक्त लाभ
रूस के एक अधिकारी ने यह भी सुझाव दिया है कि भारत इस इंजन के साथ 2D फ्लैट नोजल डिजाइन को शामिल कर सकता है, जो अमेरिकी F-22 रैप्टर पर इस्तेमाल किए गए डिजाइन के समान है। यह डिजाइन इंजन के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ-साथ विमान के आकार और गति को भी बढ़ा सकता है, जिससे AMCA की स्थिरता और युद्धक्षेत्र में उसकी दक्षता में वृद्धि होगी। इस प्रकार, इंजन का यह तकनीकी पहलू भारत के लिए एक अतिरिक्त फायदा प्रदान करेगा।
0 comments:
Post a Comment