गेहूं और बाजरे की रोटी में कौन है ज्यादा फायदेमंद!

हेल्थ डेस्क: जब हम रोटियों की बात करते हैं, तो आमतौर पर गेहूं की रोटी सबसे ज़्यादा खाई जाती है। हालांकि, बाजरे की रोटी भी पोषण के लिहाज से बहुत फायदेमंद होती है। बाजरे की रोटी पाचन, वजन घटाने, हड्डियों की मजबूती, और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। अगर आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहते हैं, तो बाजरे की रोटी को अपनी डाइट में शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

1. पोषक तत्वों में फर्क

बाजरे में गेहूं की तुलना में ज़्यादा पोषक तत्व होते हैं। बाजरे में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी हैं। गेहूं की रोटी की तुलना में बाजरे की रोटी पोषण में बेहतर होती है।

2. पाचन तंत्र पर प्रभाव

बाजरे की रोटी पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें उच्च फाइबर की मात्रा होती है, जो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या कम होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। वहीं, गेहूं की रोटी में फाइबर की मात्रा कम होती है, जिससे पाचन में थोड़ी समस्या हो सकती है।

3. वजन नियंत्रण में सहायक

यदि आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो बाजरे की रोटी अधिक फायदेमंद हो सकती है। बाजरे में कम कैलोरी होती है, और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती। गेहूं की रोटी में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।

4. हड्डियों को मजबूती

बाजरे में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। खासकर बढ़ती उम्र में हड्डियों का ख्याल रखना ज़रूरी होता है, और बाजरे की रोटी इस लिहाज से एक बेहतरीन विकल्प है। गेहूं में कैल्शियम की मात्रा कम होती है, जिससे हड्डियों के लिए उतना फायदेमंद नहीं है।

5. एसिडिटी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल

बाजरे की रोटी एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत लाभकारी है। यह पेट के एसिड को नियंत्रित करने में मदद करती है और पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। गेहूं की रोटी एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याओं के लिए उतनी फायदेमंद नहीं मानी जाती।

6. हृदय स्वास्थ्य

बाजरे में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम करता है। वहीं, गेहूं में ओमेगा-3 की मात्रा कम होती है, जिससे हृदय स्वास्थ्य पर उतना प्रभावी नहीं है।

7. ब्लड शुगर कंट्रोल

बाजरे की रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। गेहूं की रोटी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स थोड़ा अधिक होता है, जिससे शुगर लेवल पर असर पड़ सकता है।

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