पारदर्शी और नियमित भुगतान
अब तक, पंचायत प्रतिनिधियों को उनके मासिक भत्ते का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से हर चौथे माह किया जाता था, यानी अप्रैल, जुलाई और नवंबर में। यह प्रणाली यद्यपि प्रभावी थी, लेकिन नियमित और समय पर भुगतान में कुछ दिक्कतें आ रही थीं। इसी समस्या को दूर करने के लिए अब विभाग ने योजना बनाई है कि यह भुगतान हर माह जिला स्तर से सीधे जन-प्रतिनिधियों के खातों में किया जाएगा। इससे न सिर्फ भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि हर जन-प्रतिनिधि को समय पर उनका भत्ता मिल सके।
सीधे बैंक खाते में भुगतान
नई व्यवस्था के तहत, जन-प्रतिनिधियों को उनके मासिक भत्ते का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। इसके लिए जिले स्तर पर व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। पीएफएमएस के माध्यम से अब जन-प्रतिनिधियों के भत्ते सीधे उनके खाते में ट्रांसफर हो सकेंगे। इससे भुगतान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाया जा सकेगा।
पंचायती राज विभाग ने की तैयारियां
पंचायती राज विभाग ने इसे लागू करने के लिए सभी तैयारियों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने जिला स्तर पर मेकर, चेकर और एप्रूवर आईडी का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, जिला पंचायत राज कार्यालय के लेखापाल को मेकर, अपर जिला पंचायत राज पदाधिकारी को चेकर और जिला पंचायत राज पदाधिकारी को एप्रूवर के रूप में नामित किया गया है। इस प्रक्रिया से भुगतान की पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी भी तरह के धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
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