सेवांत लाभ और वृति उन्नयन:
बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि नर्सों को सेवांत लाभ और सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना अब जिला स्तर पर ही स्वीकृत किए जा सकेंगे। इससे पहले, यह स्वीकृतियां मुख्यालय स्तर पर होती थीं, जिसके कारण कई तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है। अब जिले के स्तर पर कार्यरत सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल के अधीक्षक और अति विशिष्ट अस्पताल के निदेशक को यह शक्तियां प्रदान की गई हैं। इसका प्रमुख लाभ यह होगा कि नर्सों को तत्काल सेवांत लाभ और वृति उन्नयन योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, और उन्हें मुख्यालय पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
अवकाश की स्वीकृति जिला स्तर पर:
बिहार में अब नर्सों को 60 दिनों तक का अवकाश जिला स्तर पर ही स्वीकृत किया जा सकेगा। इससे नर्सों को कार्य के दौरान मनोबल बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में भी सुधार होगा, क्योंकि वे बिना किसी जटिल प्रक्रिया के अवकाश प्राप्त कर सकेंगे। यह आदेश उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होगा, जिससे वे बेहतर तरीके से अपनी सेवाएं प्रदान कर सकेंगी।
स्वच्छता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता:
इस नए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सेवा लाभ के भुगतान और वृति उन्नयन योजना का लाभ लेने से पहले संबंधित नर्स को एक स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह कदम नर्सों की कार्यप्रणाली और सेवा क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया गया है। स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की शर्त यह सुनिश्चित करेगी कि नर्स अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रही हैं और स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई लापरवाही नहीं हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना:
स्वास्थ्य विभाग ने इन आदेशों को लेकर एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें इन निर्णयों के लागू होने की प्रक्रिया और उनके लाभ को स्पष्ट किया गया है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि इन आदेशों के बाद नर्सों को अपनी सेवाओं में और अधिक पारदर्शिता, आत्मनिर्भरता और सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि नर्सों को उनके अधिकारों का पूरी तरह से पालन किया जाए।
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