यूपी में आउटसोर्स कर्मियों के लिए नए नियम होंगे लागू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती और कार्य प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UP Outsourcing Service Corporation) का गठन किया जा रहा है, जो आउटसोर्स कर्मियों के चयन, भुगतान और उनके अधिकारों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने का काम करेगा। यह कदम राज्य में आउटसोर्स कर्मियों के शोषण और गड़बड़ी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए है।

1. भर्तियों में पारदर्शिता और योग्यता

अब तक आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती में कई अनियमितताएं देखने को मिलती थीं। कई विभागीय अधिकारी अपने चहेतों को बिना किसी मानक के भर्ती कर लेते थे, जिससे न सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ता था, बल्कि योग्य उम्मीदवारों को मौके नहीं मिलते थे। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद इन भर्तियों के मानक तय किए गए हैं, जिनमें अभ्यर्थियों के चयन के लिए पारिवारिक आय, आयु, योग्यता, पद के लिए मानक, और स्थानीय निवास को प्राथमिकता दी जाएगी।

2. महिलाओं को विशेष प्राथमिकता

नए नियमों के अनुसार विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भर्ती में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम पहल है, जो समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

3. मानदेय और पारिश्रमिक का सुधार

अब तक आउटसोर्स कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिल पाता था। कई बार तो इन्हें तीन से चार महीने के बाद वेतन मिलता था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ता था। लेकिन उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक कर्मी को उनका मानदेय हर महीने की पहली तारीख को उनके बैंक खाते में सीधे पहुंच जाए।

4 .चार श्रेणियों में तय होंगे मानदेय

मानदेय के मानक भी तय किए गए हैं। श्रेणी एक के कर्मियों को ₹25,000, श्रेणी दो के कर्मियों को ₹21,500, श्रेणी तीन को ₹18,500, और श्रेणी चार के कर्मियों को ₹15,000 का न्यूनतम मानदेय मिलेगा। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।

5. निगम के माध्यम से कार्य हस्तांतरण

जो कर्मी पहले से आउटसोर्स पर कार्यरत हैं, उन्हें निगम के माध्यम से अन्य विभागों में काम पर रखा जाएगा, जिससे एजेंसियों के माध्यम से कार्य नहीं होगा। इससे कर्मियों को उनकी वास्तविक स्थिति के अनुसार स्थिरता मिलेगी और वे अपने कार्य के प्रति अधिक प्रतिबद्ध होंगे।

6. समाप्ति की ओर जाती भ्रष्टाचार की राह

यह कदम उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मियों के शोषण और भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में अहम है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब विभागीय अधिकारी किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति में मनमानी नहीं कर सकेंगे। आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति में पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की कागजी घोटाले की संभावना समाप्त हो जाएगी।

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