स्वच्छ जल की उपलब्धता:
पानी की समस्या ने न सिर्फ ग्रामीणों की जीवनशैली को प्रभावित किया है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डाला है। गर्मियों के मौसम में पानी की किल्लत और शुद्ध पानी की कमी के कारण जल जनित बीमारियाँ फैलती हैं। ऐसे में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस दिशा में चापाकल की स्थापना एक अहम कदम साबित हो सकता है, क्योंकि यह न सिर्फ पानी की खपत को नियंत्रित करेगा, बल्कि ग्रामीणों को ताजे और शुद्ध पानी की भी आपूर्ति करेगा।
मार्क-4 चापाकल का चयन:
चापाकल लगाने के लिए पंचायती राज विभाग ने मार्क-4 श्रेणी के चापाकल लगाने का निर्णय लिया है। यह चापाकल उच्च गुणवत्ता के होते हैं और इनका जल वितरण क्षमता भी अधिक होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के बड़े हिस्से को फायदा पहुंचेगा। इन चापाकलों का डिजाइन और निर्माण इस तरह से किया गया है कि ये अधिक समय तक टिकाऊ रहते हैं और कम मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है।
15वें वित्त आयोग की अनुशंसा और टाइड अनुदान:
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्राप्त 'टाइड' अनुदान की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा। इस अनुदान का उद्देश्य ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाना है। जिला परिषद इस राशि का उपयोग चापाकल योजना समेत अन्य विकास कार्यों के लिए करेगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा।
चापाकल की स्थापना के लिए जिला परिषद को पीएचईडी (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) से तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा। यह सहयोग सुनिश्चित करेगा कि चापाकल सही स्थान पर लगाए जाएं और उनकी कार्यप्रणाली सही तरीके से हो। साथ ही पीएचईडी की मदद से चापाकल की गुणवत्ता और स्थापना के दौरान हर पहलू का ध्यान रखा जाएगा।
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