यूपी में सभी दुकानदारों के लिए नए नियम हुए जारी

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद्य सुरक्षा और आपूर्ति की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है। इस निर्णय के तहत राज्य में दुकानदारों और थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं स्टॉक की सीमा को संशोधित कर दिया गया है। पहले जहां थोक विक्रेताओं को 1000 मीट्रिक टन तक गेहूं स्टॉक रखने की अनुमति थी, अब यह सीमा घटाकर 250 मीट्रिक टन कर दी गई है। इसके अलावा, रिटेल आउटलेट्स के लिए भी गेहूं स्टॉक की सीमा में बदलाव किया गया है, और यह सीमा 5 टन से घटाकर 4 टन कर दी गई है।

गेहूं स्टॉक सीमा में कमी का उद्देश्य

सरकार का यह कदम खाद्य पदार्थों की कीमतों में हो रही अनियमितता को नियंत्रित करने और बाज़ार में पर्याप्त गेहूं आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। जब दुकानदार और थोक व्यापारी अत्यधिक स्टॉक करते हैं, तो इससे बाज़ार में गेहूं की उपलब्धता कम होती है और कीमतों में वृद्धि होती है। इस निर्णय से यह उम्मीद की जा रही है कि बाज़ार में गेहूं की आवक बनी रहेगी और कीमतों में स्थिरता आएगी।

सरकार की नई घोषणा प्रणाली लागू

इसके अलावा, सरकार ने एक नई घोषणा प्रणाली भी लागू की है, जिसके तहत रिटेलर, बिगचेन रिटेलर और प्रोसेसर को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की स्थिति की घोषणा करनी होगी। यह कदम पारदर्शिता और निगरानी को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गेहूं का वितरण सही तरीके से हो रहा है और कोई भी बेमुनाफा वसूली न कर सके।

पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति की घोषणा

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (https://eve-goils.nic.in/wsp/login) के माध्यम से थोक विक्रेताओं को अपने स्टॉक की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। यह रिपोर्ट हर सप्ताह, शुक्रवार को पोर्टल पर अपलोड करनी होगी, जिससे विभाग को राज्य में गेहूं की वास्तविक स्थिति का सही आकलन हो सके। इसके साथ ही, यह पोर्टल न केवल निगरानी को आसान बनाएगा, बल्कि किसी भी प्रकार की स्टॉक की कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने में भी मदद करेगा।

सरकार के फैसले से उपभोक्ताओं को होगा फायदा

इस कदम से सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को होने की संभावना है। अगर दुकानदारों और थोक विक्रेताओं के पास स्टॉक की अधिकता नहीं होगी, तो वे ज्यादा कीमतों पर गेहूं बेचने की स्थिति में नहीं होंगे। इससे न केवल गेहूं की कीमतों में नियंत्रण आएगा, बल्कि अन्य खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति और कीमतों में भी सुधार होगा। 

हालांकि, नए नियमों से व्यापारियों और थोक विक्रेताओं पर कुछ दबाव भी पड़ेगा। उन्हें अब अपने स्टॉक को इस नई सीमा के भीतर रखने के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखला और भंडारण व्यवस्थाओं में बदलाव करने होंगे। इसके बावजूद, यह कदम राज्य में खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने और आपूर्ति में किसी प्रकार की कमी न आने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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