यूपी में मंत्री-विधायकों की सैलरी: जानिए सभी भत्तों का ब्यौरा!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) में विधायकों और मंत्रियों को मिलने वाली सैलरी और भत्तों में समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं। 2016 में राज्य सरकार ने एक नया कानून पारित किया था, जिसके तहत विधायकों का मासिक पैकेज बढ़ाकर 1.87 लाख रुपये कर दिया गया। यह सैलरी उनके मूल वेतन और विभिन्न भत्तों को मिलाकर तय की गई है। आइए जानते हैं यूपी में मंत्री और विधायक किस प्रकार के वेतन और भत्तों का लाभ उठाते हैं।

 विधायकों की सैलरी और भत्ते:

उत्तर प्रदेश में विधायकों को मिलने वाली सैलरी कई घटकों से मिलकर बनी होती है। 2016 के बाद, राज्य सरकार ने विधायकों के वेतन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की थी। पहले विधायकों का मूल वेतन 10,000 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया है। इसके अलावा उन्हें विभिन्न भत्ते भी मिलते हैं, जो उनके कार्य और क्षेत्रीय जिम्मेदारियों से जुड़ी होती हैं।

विधायकों को मिलने वाली सैलरी और भत्तों का विवरण:

1 .मूल वेतन: 25,000 रुपये प्रति माह

2 .जनता सहायता भत्ता: 21,000 रुपये प्रति माह 

3 .सचिव भत्ता: 20,000 रुपये (सचिव के कार्य के लिए)

4 .बैठक भत्ता: 2,000 रुपये प्रति बैठक (पहले यह 1,000 रुपये था)

5 .कूपन भत्ता: 1 लाख रुपये (यह राशि पुराने विधायकों के लिए है)

6 .चिकित्सा भत्ता: 30,000 रुपये (यह भत्ता इलाज के लिए दिया जाता है)

7 .क्षेत्र भत्ता: 50,000 रुपये (यह भत्ता तब मिलता है, जब विधानसभा सत्र नहीं चल रहा होता है)

8 .अन्य सुविधाएँ: इसके अलावा विधायकों को मुफ्त घर, यात्रा की सुविधा, और मेडिकल लाभ भी दिए जाते हैं।

9 .विकास फंड: हर विधायक को अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर साल एक फंड मिलता है, जो 5 साल के कार्यकाल में 7.5 करोड़ रुपये तक हो सकता है। इस फंड का उपयोग सड़कें, स्कूल, अस्पताल और अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण में किया जाता है। 

मंत्रियों की सैलरी और भत्ते:

उत्तर प्रदेश के मंत्रियों की सैलरी विधायकों से अलग होती है, क्योंकि उनकी जिम्मेदारियां अधिक होती हैं। राज्य में मुख्यमंत्री की सैलरी 2023 तक लगभग 3.65 लाख रुपये प्रति माह है। इसमें उनका मूल वेतन, विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी और कई भत्ते शामिल हैं। अन्य मंत्रियों को 2 से 2.5 लाख रुपये प्रति माह के बीच सैलरी मिलती है।

1 .मूल वेतन: मुख्यमंत्री को 3.65 लाख रुपये प्रति माह, जबकि अन्य मंत्रियों को 2 से 2.5 लाख रुपये प्रति माह

2 .सुरक्षा और यात्रा भत्ता: मंत्रियों को सुरक्षा और यात्रा के लिए भी भत्ते दिए जाते हैं

3 .स्टाफ का खर्च: मंत्रियों के पास निजी स्टाफ होता है, जिनकी सैलरी भी सरकार द्वारा दी जाती है

4 .सरकारी घर और गाड़ी: मंत्रियों को सरकारी घर और गाड़ी मिलती है, जो उनके कार्यकाल के दौरान उपलब्ध रहती है

5 .पेंशन और चिकित्सा लाभ: मंत्रियों को पेंशन और चिकित्सा लाभ भी मिलते हैं। पेंशन राशि उनके कार्यकाल पर निर्भर करती है, लेकिन आमतौर पर यह 30,000 रुपये प्रति माह से शुरू होती है

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