1. भर्ती प्रक्रिया:
पहले आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से की जाती थी, लेकिन अब यह भर्ती सीधे निगम के माध्यम से की जाएगी। यह कदम भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और समन्वित बनाने के लिए उठाया गया है। वर्तमान में आउटसोर्स कर्मचारियों के पास अपनी नौकरी को खोने का डर नहीं होगा। उन्हें सीधे निगम के माध्यम से संबंधित विभाग में काम दिया जाएगा, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
2. वेतन:
यूपी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 16,000 रुपये तय किया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि यह वेतन 18,000 रुपये तक हो सकता है। यह कदम कर्मचारियों के आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए लिया गया है और सुनिश्चित किया गया है कि वेतन न्यूनतम स्तर पर भी उनके जीवन यापन के लिए पर्याप्त हो।
3. महिला को विशेष लाभ:
महिला कर्मचारियों को अब मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाएगी। इस सुविधा में दो बच्चे पैदा होने पर 180 दिन का सवेतन अवकाश मिलेगा। इसके अलावा, महिला कर्मचारियों को अन्य सुविधाएं जैसे कि बाल देखभाल, स्वास्थ्य सुविधाएं, और कार्यस्थल पर सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएंगी।
4. स्वास्थ्य लाभ और छुट्टियां:
कर्मचारियों को अगर बीमार होने पर छुट्टी की आवश्यकता होती है, तो उन्हें वेतन के साथ अवकाश की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, कर्मचारियों को ईएसआई (ईंप्लॉयीज़ स्टेट इंश्योरेंस) से इलाज की सुविधा भी प्राप्त होगी, जिससे उनकी चिकित्सा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
5. निगम का गठन:
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक निगम बनाने का फैसला किया है, जो सभी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करेगा। यह निगम आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए समग्र भर्ती और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी निभाएगा, जिससे कर्मचारियों को बेहतर कामकाजी स्थिति मिलेगी।
6. आरक्षण की व्यवस्था:
अनुसूचित जाति (SC) के लिए 21%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 2%, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी वर्गों के लोग समान अवसर प्राप्त करें और उनका समुचित प्रतिनिधित्व हो।
7. कॉन्ट्रैक्ट आधारित भर्ती:
आउटसोर्स कर्मचारियों को एक-एक साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी हर वर्ष अपने कॉन्ट्रैक्ट को नवीनीकरण के आधार पर कार्य कर सकें।
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