यूपी के इन गांवों में ई-खतौनी, इन गांवो में चकबंदी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चकबंदी के गांवो को छोड़कर राज्य के लगभग सभी गांवों में ई-खतौनी (Electronic Khatauni) का कार्य पूरा कर लिया है। यह कदम राज्य के किसानों और ग्रामीणों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। अब ग्रामीणों को अपनी भूमि से संबंधित जानकारी प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी, क्योंकि ई-खतौनी के माध्यम से सभी संबंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।

ई-खतौनी का महत्व

खतौनी भूमि की एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें भूमि के स्वामित्व और उसके रिकॉर्ड को दर्ज किया जाता है। पहले यह जानकारी कागजी दस्तावेजों में ही सीमित रहती थी, जिससे कभी-कभी गलतियों और असुविधाओं का सामना करना पड़ता था। ई-खतौनी के माध्यम से अब यह सारी जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध है, जो न केवल पारदर्शिता को बढ़ाता है, बल्कि समय और मेहनत की बचत भी करता है।

चकबंदी का कार्य

2023-24 के दौरान राज्य में 781 गांवों की चकबंदी की गई थी, और 2024-25 के पहले तीन महीनों में 207 गांवों की चकबंदी कार्य पूरा किया जा चुका है। जबकि अन्य गांवो में चकबंदी के काम शुरू किये जाएंगे। चकबंदी के बाद किसानों को भूमि के अधिकतम उपयोग का अवसर मिलता है, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

इन गांवो में चकबंदी

उत्तर प्रदेश में अप्रैल माह से शुरू होने वाले इस चकबंदी अभियान में उन्हीं गांवों को शामिल किया गया है, जिनके 50 प्रतिशत किसानों ने चकबंदी के लिए सहमति दे दी है। इन गांवो में जल्द से जल्द चकबंदी की प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा, इसकी तैयारी की जा रही हैं।

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