यूपी में अब घर-घर लगाए जाएंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर

कानपुर: उत्तर प्रदेश (यूपी) में बिजली वितरण में सुधार लाने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है। कानपुर में इस दिशा में एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की गई है, जिसके तहत 582 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य न केवल बिजली चोरी पर रोक लगाना है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए बिजली का बिल पारदर्शी और सटीक बनाना भी है। हालांकि, इस परियोजना की गति अब तक उम्मीद से धीमी रही है, जिससे संबंधित कंपनी को नोटिस भी जारी किया गया है।

स्मार्ट मीटर: एक आवश्यक कदम

स्मार्ट प्रीपेड मीटर, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, एक उन्नत मीटरिंग प्रणाली है, जो उपभोक्ताओं को उनके द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली का तुरंत आंकलन करने की सुविधा देती है। यह मीटर न केवल सही और समय पर बिलिंग सुनिश्चित करते हैं, बल्कि उपभोक्ता को उसकी खपत के अनुसार रीयल टाइम डेटा भी प्रदान करते हैं, जिससे बिजली बिल पर नियंत्रण पाना संभव होता है।

इसके अलावा, स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली चोरी पर भी काबू पाया जा सकता है। इन मीटरों की तकनीकी विशेषताएं, जैसे कि रिमोट डेटा ट्रांसमिशन, यह सुनिश्चित करती हैं कि बिजली वितरण कंपनी को उपभोक्ता के मीटर का डेटा बिना किसी भौतिक निरीक्षण के मिल सके। इससे न केवल बिलिंग प्रक्रिया पारदर्शी होती है, बल्कि बिजली चोरी और अनियमितताओं पर भी प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाया जा सकता है।

कानपुर में स्मार्ट मीटर परियोजना

कानपुर में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अब तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। केस्को (कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी) का लक्ष्य है कि 2027 तक शहर के सभी 7 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। हालांकि, इस परियोजना की प्रगति अभी तक अपेक्षाकृत धीमी रही है। अब तक, केवल 8000 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा सके हैं, जबकि जीनस कंपनी को प्रतिदिन लगभग एक हजार मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया था। वर्तमान में, केवल 80 से 100 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जो कंपनी की धीमी गति को दर्शाता है। इस पर शासन ने कंपनी को नोटिस जारी किया है और शीघ्रता से प्रगति करने की चेतावनी दी है।

शासन के आदेश और कर्मचारियों की भूमिका

उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का आदेश दिया है। इससे न केवल विभागीय कर्मचारियों के घरों में समय पर स्मार्ट मीटर लगेगा, बल्कि यह एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा और उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाएगा कि विभाग खुद अपने कर्मचारियों पर भी स्मार्ट मीटर लागू कर रहा है। शासन ने यह आदेश 31 मार्च तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए दिया है।

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