बिहार सरकार का ऐलान: खानदानी जमीन का नया खतियान!

पटना: बिहार सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है जिसमें खानदानी जमीनों के लिए नया खतियान बनाने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। इस कदम से न केवल बिहार की भूमि व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि इससे किसानों और भूमि मालिकों को उनकी संपत्ति के अधिकारों को सुनिश्चित करने का भी अवसर मिलेगा। 

नए खतियान की आवश्यकता क्यों?

बिहार में खानदानी जमीन के नए खतियान का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। पुराने दस्तावेजों के अभाव और भूमि विवादों के कारण कई बार जमीन मालिकों को अपनी संपत्ति के अधिकार साबित करने में दिक्कतें आती हैं। यह कदम इन विवादों को सुलझाने और भूमि रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके तहत, अब किसान या जमीन मालिक को अपनी संपत्ति के प्रमाणित कागजात प्रस्तुत करने होंगे, ताकि उनकी जमीन के अधिकार की पुष्टि हो सके।

जमीन के मूल रैयत की खोज

सर्वे के दौरान, कई ऐसी जमीनें पाई जा सकती हैं जिनका कोई दस्तावेज़ नहीं है, या जिनकी जोत में कोई कागजात नहीं हैं। ऐसी जमीनों के लिए सरकार ने नियम तय किया है कि उनकी जांच की जाएगी और जमीन के मूल रैयत की खोज की जाएगी। यदि मूल रैयत का पता नहीं चलता है तो वह भूमि बिहार सरकार द्वारा घोषित की जा सकती है।

खेसरा नंबर और जमीन का नक्शा

नए खतियान के तहत, खेसरा नंबर बदल जाएगा। इसका मतलब है कि पुराने खेसरा नंबर की जगह नए नंबर दिए जाएंगे। इसके अलावा, जमीन के प्रत्येक प्लॉट का नक्शा भी तैयार किया जाएगा, जिससे भूमि के आकार और सीमा का स्पष्ट रूप से विवरण मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जमीन की पहचान सही तरीके से की जा सके।

गड़बड़ी होने पर अपील का अवसर

इस प्रक्रिया के दौरान यदि कोई गड़बड़ी होती है या भूमि के संबंध में कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो किसानों और भूमि मालिकों को अपील करने का मौका दिया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे भूमि मालिकों को अपनी बात रखने और विवादों को सुलझाने का अवसर मिलेगा।

0 comments:

Post a Comment