कर्मचारियों की समस्याएँ
एनएचएम के तहत कार्यरत साढ़े बारह सौ संविदा कर्मियों का वेतन बेहद कम था, और इस पर इंक्रीमेंट न लगने से उनकी स्थिति और भी दयनीय हो गई थी। कर्मचारियों का कहना था कि हर साल अप्रैल में पांच प्रतिशत इंक्रीमेंट मिलना तय होता था, लेकिन इस साल फरवरी तक इंक्रीमेंट का कोई संकेत नहीं था। इससे कर्मचारियों में असंतोष और निराशा का माहौल था, और वे इस बात को लेकर चिंतित थे कि अगर मार्च तक बजट खर्च नहीं हो सका, तो यह इंक्रीमेंट इस वित्तीय वर्ष में लागू नहीं हो पाएगा।
विभागीय पहल और समाधान
मीडिया द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने इंक्रीमेंट लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजीर जुरहीम और क्षयरोग विभाग में कार्यरत डॉ. मो. जावेद ने इस बात की पुष्टि की कि कर्मचारियों के वेतन में इंक्रीमेंट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
यह एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि संविदा कर्मियों को उनके मेहनत का उचित फल मिलना चाहिए। जब कोई कर्मचारी अपनी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करता है, तो उसे आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वह अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सके। इस पहल से न केवल कर्मचारियों में उत्साह बढ़ेगा, बल्कि अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।
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