1. सैन्य बल और सैनिक संख्या
अमेरिका: अमेरिका के पास कुल 22 लाख सैनिक हैं, जिनमें से 14 लाख सक्रिय सैनिक और 8 लाख रिजर्व सैनिक हैं। अमेरिका के सैनिक अत्याधुनिक प्रशिक्षण और तकनीकी संसाधनों से लैस होते हैं, जो उन्हें किसी भी युद्ध में प्रभावी बनाते हैं।
यूरोप: यूरोपीय देशों के पास कुल मिलाकर 28 लाख सैनिक हैं, जिनमें से 15-16 लाख सक्रिय और 10-12 लाख रिजर्व सैनिक हैं। यूरोप के पास सैनिक संख्या अधिक है, लेकिन उनकी सैन्य क्षमता और युद्धक तकनीक अमेरिका से कम नहीं हैं।
2. परमाणु हथियार
अमेरिका: अमेरिका के पास 5,400 से अधिक परमाणु हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल थल, जल, और नभ—तीनों जगहों से किया जा सकता है। इन परमाणु हथियारों में अत्याधुनिक मिसाइलें और परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं, जो अमेरिका को वैश्विक स्तर पर एक परमाणु सुपरपावर बनाती हैं।
यूरोप: यूरोप में फ्रांस के पास 290 और ब्रिटेन के पास 225 परमाणु हथियार हैं। बाकी यूरोपीय देशों के परमाणु हथियार नाटो के अमेरिकी सुरक्षा पर निर्भर हैं। यूरोप की परमाणु शक्ति अमेरिका से कहीं कम है, और इसका मुख्य रूप से अमेरिका की परमाणु सुरक्षा पर निर्भर होने के कारण यूरोप का जोखिम अधिक है।
3. वायु सेना और लड़ाकू विमान
अमेरिका: अमेरिका के पास 13,000 से अधिक लड़ाकू विमान हैं, जिनमें F-22, F-35 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट्स शामिल हैं। यह वायु सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली और अत्याधुनिक मानी जाती है। अमेरिका के पास बड़े पैमाने पर एयरक्राफ्ट कैरियर से हमले करने की क्षमता है।
यूरोप: यूरोपीय देशों के पास लगभग 6,000-7,000 लड़ाकू विमान हैं, जिनमें Eurofighter Typhoon, Rafale, और कुछ F-35 जेट्स शामिल हैं। हालांकि यूरोपीय देशों के पास अच्छे विमान हैं, लेकिन अमेरिकी वायुसेना की तकनीक और लड़ाकू क्षमता से ये विमान पीछे हैं।
4. नेवी और युद्धपोत
अमेरिका: अमेरिका के पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जिनसे वह समुद्रों में अपनी शक्ति को प्रभावी तरीके से स्थापित कर सकता है। इसके अलावा, अमेरिका के पास 90 से अधिक विध्वंसक और परमाणु पनडुब्बियां हैं। इसकी नेवी दुनिया में सबसे बड़ी और सबसे आधुनिक है, जो उसे समुद्रों में एक अप्रतिम ताकत बनाती है।
यूरोप: यूरोप के पास कुल मिलाकर 3 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जिनमें से एक ब्रिटेन और एक फ्रांस के पास है। यूरोपीय देशों के पास लगभग 30-40 विध्वंसक और कुछ परमाणु पनडुब्बियां हैं, लेकिन इनकी नेवी क्षमता अमेरिका से काफी पीछे है। यूरोप के पास समुद्र में अमेरिकन ताकत का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
क्या यूरोप अकेले यूक्रेन की रक्षा कर सकता है?
जैसा कि हाल के घटनाक्रमों में देखा गया, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के दबाव के बावजूद यूक्रेन को संघर्ष में डटे रहने की चेतावनी दी। हालांकि यूरोप की सैन्य क्षमता यूक्रेन की रक्षा के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है, लेकिन बिना अमेरिका की मदद के यूरोप अकेले रूस से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है, खासकर अगर बात बड़े युद्ध की हो। लेकिन फिर भी यदि यूरोप एकजुट हो जाता हैं तो वो रूस का मुकाबला कर सकता हैं।
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