जानें उम्र के अनुसार शुगर लेवल: कब होता है खतरा!

हेल्थ डेस्क: शुगर लेवल हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उम्र के साथ शुगर लेवल में बदलाव आ सकता है, और यह बदलाव हमारी सेहत पर असर डाल सकता है। सही समय पर शुगर लेवल की जांच करना और उसे नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है, ताकि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। आइए, जानते हैं उम्र के अनुसार शुगर लेवल कब खतरे का संकेत दे सकता है और हमें क्या कदम उठाने चाहिए।

1 .6-12 साल (बच्चों की उम्र)

इस उम्र में बच्चों का शारीरिक विकास और ऊर्जा की आवश्यकता उच्च होती है। फास्टिंग ब्लड शुगर (सुबह के समय खाने के पहले) का सामान्य स्तर 80-180 mg/dL होता है। खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर का सामान्य स्तर लगभग 140 mg/dL तक होता है।

2. 13-19 साल (किशोरों की उम्र)

किशोरों में भी शारीरिक और मानसिक विकास जारी रहता है, और यही कारण है कि इस समय शरीर के ब्लड शुगर लेवल में कुछ बदलाव हो सकते हैं। इस उम्र में फास्टिंग ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 70-150 mg/dL होता है, जबकि खाने के 2 घंटे बाद का सामान्य स्तर 140 mg/dL तक होता है।

3. 20-40 साल (युवा और मध्य आयु)

इस उम्र में शरीर शारीरिक रूप से पूर्ण विकसित होता है, लेकिन जीवनशैली, आहार और कामकाजी दबाव के कारण शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इस उम्र में फास्टिंग ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 70-100 mg/dL होता है, जबकि खाने के 2 घंटे बाद का सामान्य ब्लड शुगर स्तर 140 mg/dL से कम होना चाहिए।

4. 40 साल से ऊपर (वृद्धावस्था)

40 के बाद शरीर का मेटाबोलिज़्म धीमा होने लगता है और शुगर के स्तर को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। इस उम्र में फास्टिंग ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 90-130 mg/dL होता है, और खाने के 2 घंटे बाद का ब्लड शुगर 140 mg/dL से कम होना चाहिए।

ब्लड शुगर लेवल के सामान्य रेंज का महत्व

फास्टिंग और पोस्टप्रैंडियल ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना हमारी सेहत के लिए जरूरी है। अगर शुगर लेवल अधिक हो तो यह हाइपरग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है, और अगर बहुत कम हो तो हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। दोनों ही स्थितियाँ गंभीर हो सकती हैं।

फास्टिंग ब्लड शुगर: यह शुगर लेवल उस समय का होता है जब आपने 8-10 घंटे से ज्यादा कुछ न खाया हो, जैसे कि सुबह उठने के बाद। यदि यह स्तर सामान्य सीमा से बाहर है, तो यह डायबिटीज या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

खाने के 2 घंटे बाद का ब्लड शुगर (पोस्टप्रैंडियल): यह स्तर यह दर्शाता है कि भोजन के बाद शरीर ने शुगर को कितना अवशोषित किया है। यदि यह स्तर सामान्य सीमा से ज्यादा हो तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर सही से शुगर का उपयोग नहीं कर रहा है।

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